तू चाहिये
पर तू अब चाहिये नही
तेरे दिये सारे
हर वोह, लम्हात चाहिये
तू चाहिये नही
तेरी मौजूदगी चाहिये
तू चाहिये नही
तेरे चेहरे पे चाही
वोह हलकी सी मुस्कराहट चाहिये
उसकी वजह हमेशा, मे बानू
वोह चाहिये नही
तेरा दीदार चाहिये
तू चाहिये नही
तुझसे तेरी सारि आफतें चाहिये
मेरी परेशानियों में तू
चाहिये नही
तेरे हक में सारि खुशियां
मेरी दुवायें चाहे
मेरी हिस्से की खुशी, तू
अब हमें चाहिए नही I