तुम हो नारी विहंग सी
यातनाओ के भंवर में फसकर
निखरो तो सही...
तुमसे ही है
सभी कुप्रथाओ का अंत
तुम अपने ज्ञान के रौशन से
चमको तो सही...
तुम जो समानता की,
रूढ़िवादी विचारों की,
जेंडर डिसक्रिमिनेशन की बातें करती हो
सही मायने में नारी का अस्तित्व
समझो तो सही...
तुमसे ही है सम्पूर्णता
तुम हो सम्पूर्ण
कुछ उल-जुलूल मतभेदों से निकलकर
अपने व्यक्तित्व से
महको तो सही...
यत्र-तत्र-सर्वत्र पूज्यते
यूं ही नहीं कहा गया है
इन शब्दों के सही मायने
सिद्ध करो तो सही
तुम हो नारी विहंग सी
यातनाओ के भंवर में फसकर
निखरो तो सही...