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बचपन से सुना है, हल्दी लगाओ 
और दाग ना मिटे,
तो चंदन का लेप लगाओ 
अगर फिर भी गोरी ना बनो
तो चुल्लू भर पानी में डूब जाओ...!

ढूंढने पर भी कोई लड़का ना मिलेगा,
बदसूरती का रंग हमेशा रहेगा..
ये लाखो ताने मैं हर दिन सुनती हूं
क्या सच में मैं इतनी बुरी हूं ?

सांवला रंग कृष्ण का था,
यही कालापन उस शिवलिंग में था,
एक मां ने बड़े ही प्यार से 
अपनी बेटी की नजरे उतरी 
और वहा भी काला काजल ही था।

सबको ईश्वर ने गढ़ा है,
तो रंगों का भेद क्यों इतना बढ़ा है 
क्या काले कपड़े तुम पहनते नहीं...
क्या काले पैन से, तुम लिखते नहीं।

अगर सच कहूं तो, मेरी काली त्वचा 
किसी मेकअप की मोहताज नहीं
मुझे इस धूप से भी इनकार नहीं।
अरे, मैं तो कोयले में भी बेखौफ चलती हु...
पैर बाहर रखने से पहले, आइना नही देखती हूं

मेरी जिंदगी का मत सोचो,
 मुझे गोरे पन से प्यार नहीं..
मेरी रूह इतनी खूबसूरत है,
की मुझे कालेपन से भी ऐतराज नहीं।

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