उखड़ा सा मन,
ख्वाहिशें नाराज है मुख है कुछ शांत,
नर्म आवाज है।
नींदे है बेचैन,
रातें जागी सी समय है पर्याप्त चाहत आधी सी |
नाप-तौल के सौदे में,
समय व्यर्थ ना हो परिणाम की परवाह नहीं,
प्रयास कम ना हो |
मेहनत कर उतनी,
जितना तू समर्थ नहीं थकना जायज़ है जंग में,
रुकना जायज़ नहीं |
रुकना जायज़ नहीं...