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सम्पूर्ण विश्व में करोड़ो लोग एंव भारत में लाखो लोग गुटका, बीड़ी, तम्बाकू आदि पदार्थो का सेवन करते है । ये सभी भली-भांति जानते कि इन पदार्थो में हजारो हानिकारक केमिकल होते है । तम्बाकू को निकोटिया टैबेकम पौधे से प्राप्त किया जाता है जो कि एक जहर है। तम्बाकू के सेवन करने से दात जल्दी साथ छोड़ते है, मुँह का नक्शा बिगड़ने लगता है,चश्मे का नंबर बढ़ने लगता है,फेफड़े खराब होने लगते है तथा तम्बाकू में मौजूद निकोटीन ब्लड प्रेशर को डिस्टर्ब करता है और कई अन्दुरुनी बीमारी इस लत के कारण ही  पनपती है । शरीर के अंग सही तरह से  काम करना बंद कर देते है । 70 फीसदी से अधिक अपराध लोग नशे की हालत में करते हैं,नशे के प्रभाव में व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता कम हो जाती हैं । ऐसे में व्यक्ति अनेक ऐसे असामाजिक कार्य कर देता है , जिससे समाज मे तनाव उत्पन्न होता हैं । अनेक मजदूर , कामगार अपनी कमाई का कुछ हिस्सा नशे में लगा देते है । यहाँ तक कि प्रतिदिन के हिसाब से कमाने वाले भी दिन की कमाई का कुछ न कुछ हिस्सा नशे में लगाते हैं ,जिससे गरीबी में वृद्धि होती हैं । नशा करने वाला व्‍यक्‍ति सदैव अपने ख्‍यालों में ही रहता है, उसे अपने आस-पास के माहौल से ज्‍यादा मतलब नहीं होता है। नशा करने वाला व्‍यक्‍ति सबसे ज्‍यादा दुर्घटनाओं का शिकार होता है।  लेकिन फिर भी लोग इनके हानिकारक बिंदुओ को नजरअंदाज कर इनका सेवन करते है । कई परिवारो में बड़ो को देख बच्चे भी इनका सेवन करते है,महिलाएं इनका सेवन शुरू कर देती है । कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी इसी की देन है । अगर हम नशे से संबंधित इतिहास के विषय मे बात करें तो इसका उल्लेख सोम व सूरा जैसे ग्रंथो में देखने को मिलता है। पुराने समय के जो राजा महाराजा होते थे, वे मदिरापान के बहुत ही ज्यादा शौकीन हुआ करते थे। आधुनिक युग में भी इसका सेवन होते चला आ रहा है। अधिकतर हमें यह ज्यादा देखने को मिलता है कि लोग अत्यधिक चिंता करने के कारण नशे का सहारा ले लेते हैं और धीरे धीरे इसके लती हो जाते हैं।  

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार तंबाकू उपयोग करने वाला हर दूसरा व्यक्ति अकाल मौत का शिकार होता है। एक अनुमान के मुताबिक विश्व में लगभग डेढ़ अरब लोग धूम्रपान करते हैं । सम्पूर्ण विश्व में 80 लाख और भारत में 30 लाख लोग तम्बाकू की वजह से प्रतिवर्ष मौत का शिकार हो रहे है ।  ऊपर हमने देखा तम्बाकू सेवन की अनेक हानियाँ ही हानियाँ है। इसलिए  हमे अपने शरीर के साथ खिलवाड़ न करके इन पदार्थो के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि इसमे जान, पैसा, इज्जत सभी बर्बाद हो जाते है । इससे जितनी दूरी बनाए उतना बेहतर है । ये पदार्थ मृत्यु का कारण बनके हस्ती खेलती जिंदगी को तबाह कर देते है । लाखो बच्चो अपने माता-पिता को इनकी वजह से गवां बैठते है। उनका भविष्य अंधकार में चला जाता है। परिवार मानसिक तौर पर परेशान हो जाता है । घर मे सदस्यो के मध्य लड़ाई, झगड़ा पनप जाता है । आज के समय में इंसान का सबसे बड़ा शत्रु ये पदार्थ ही है । ये ऐसा जादू इंसान पर करते है कि इनके चंगुल से निकल पाना बड़ा मुश्किल होता है। इनका तो अपनी जिंदगी में प्रवेश निषेध कर देना चाहिए तथा अन्य  लोगो को भी इनकी लत से छुटकारा पाने में हर संभव प्रयास करना चाहिए  तभी इनसे बचा जा सकता है वरना आज जिस तरह इन्होंने ने कब्जा किया हुआ है उसमें कुछ भी कह पाना मुश्किल है ।  ऊपर से इस देश की जानी मानी सेलीब्रिटी  इनका विज्ञापन बड़े चाव से करती है । उन्हे सिर्फ पैसे से मतलब होता है,इससे नही कि इन पदार्थो के सेवन करने वाले लोगो  पर कितना घातक असर पड़ेगा । इन सेलीब्रिटी को इस देश का युवा वर्ग  अनुसरण करता है । इनको देख युवा वर्ग शराब, गुटखा, तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट आदि का नशा करना शुरू कर देता है,और इसे अपनी शान समझता है । लाखों युवाओ का भविष्य इस तरह अंधकार में चला जाता है ।

हमारे समाज एवं युवाओं में साहित्य , सिनेमा का व्यापक प्रभाव पड़ता हैं । आज अनेक गाने , फिल्मों , नाटकों में नशे के सेवन को दिखाया जाता हैं । जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव समाज पर पड़ता हैं । सिनेमा दुनिया के सितारे आज युवाओ के एक बड़े वर्ग के रोल मॉडल हैं । युवा अपने रोल मॉडल के व्यवहार के अनुसार ही व्यवहार करने का प्रयास करते हैं । उनको उस तड़क भड़क के पीछे की काली दुनिया का ज्ञान नहीं होता हैं । अभी पिछले ही साल एक मुद्दे की वजह से इन रोल मॉडल की असलियत समाज के सामने आयी हैं । युवा नशे को तनाव से बचाने वाले माध्यम के रूप में सेवन करते है ।

किसी भी देश की प्रगति में उस देश के युवाओ का बहुत बड़ा योगदान रहता है लेकिन जब युवा वर्ग ही गलत राह पर है तो फिर आगे क्या कह सकते है । वर्तमान में युवा वर्ग के लिए इन पदार्थो का सेवन करना एक फैशन हो गया है । लाखो युवा इस नशे की खाई में गिर रहे है । मौका खुशी का हो या दुख का, अपनों का हाथ छोड़कर नशे को साथ रख लेना किसी भी लिहाज से ठीक नहीं है। अगर आप भी इसे अपनी खुशियों में शामिल कर रहे हैं, तो आपको पता होने चाहिए इसके बहुत गंभीर नुकसान है। आसान शब्दो में कहे तो नशा मतलब बर्बादी । बर्बादी आपके पैसे, बर्बादी आपके परिवार की,बर्बादी आपकी इज्जत की, बर्बादी आपके स्वास्थ्य की । नशे से दूरी बनाना ही उचित होता है जिन्होंने दूरी बनाई है उनका सभी क्षेत्रों में तरक्की का डंका बजा है । आज के समय को देखते हुए उनका जीवन स्वर्ग तुल्य है । जिन्होंने नशे के साथ मिलाया है उनका जीवन तो नरक बना है लेकिन आगें की पीढ़ी के लोगों की भी सफलता पर ताला लग गया है । इसलिए नीचे लिखे हुए शब्द सौ प्रतिशत सत्य है ।

सभी है इससे अंजान
नशा लेता है जान
हड़प लेता है मुस्कान
बनाता है खराब पहचान
बनके जल्द मेहमान
ले जाता है श्मशान
सभी गाते है यही गान
बाट दो सभी में ये ज्ञान
करता है बड़ा परेशान
हम है इससे अज्ञान|

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