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पापा आप तो लाजवाब हो,
साहस की पुड़िया, और कठिन परिश्रम का अद्वितीय पात्र हो,
नदियों के होंगे अनेको श्रोत,
पर मेरे जिंदगी का मकसद तो केवल आप हो|
हर रोज मुझे खुद से परिचित कराते हो,
फिर हल्की सी चोट लगने पर घबरा क्यूँ जाते हो|
माना छोटी- छोटी बातों पर रो देती हूँ,
फिर भी बहादुर है मेरी बेटी आप ही कहकर बुलाते हो|
जब कभी असफलता का डर सताता है,
तो दोस्त बनकर समझाते हो|
मैं हूँ खड़ा पीछे, तुम आगे चलो,
कहकर मेरी हिम्मत बढ़ाते हो|
पापा आप लाजवाब हो||
ख्वाब ऊंचे देखो, उड़ान मैं भरवाऊंगा,
नदियों मे तैरो, समुद्र पार करवाऊंगा,
थोड़ा हाथ तो उठाओ, आसमां नीचे लाऊंगा,
पिता हूँ तुम्हारा , दुनिया से लड़ जाऊंगा||