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आज के समय में सभी जाति वर्ग के व्यक्ति केवल अपने फायदे के लिए दूसरो को नुकसान पहुंचाने में कोई कमी नही रहने देते , इंसानियत की तलाश करना बहुत ही मुश्किल हो गया है ।। सभी अपनो को भूलकर सोशल मिडिया पर अपनो की खोज करने में व्यस्त रहते है यही कारण है कि अब हर दूसरे घरो में क्लेश और झगङे होते नजर आते है।

वाद विवाद के और भी मुख्य कारण है जैसे घर के आदमियो का नशा करना, जुवा खेलना और अपने परिवार के सदस्यो को मारना पीटना । यह न केवल वाद विवाद पैदा करता है बल्की परिवार को बर्बादी के रास्ते ले जाता है जिसका गहरा प्रभाव हमारी आने वाली पीढी पर पड़ता है जो बिल्कुल सही नही है । माता पिता के झगड़े में बच्चो पर  मानसिक रूप से गहरा प्रभाव पड़ता है और उन्हें अकेला महसूस होने लगता है  जिसके कारण वह बाहरी दुनिया की तरफ़ भागने है और अपनों से दूर होने लगते है और उनका बचपना छीन जाता है उनसे जो बहुत ही गलत है। 

क्यु इन रिश्तो को खराब करा जाए
आओ इन विवादो को समाप्त करा जाए
खत्म करा जाए इसे जङ से ही
आओ मिलकर इसका समाधान करा जाए

वाद विवाद के मुख्य कारणो में से एक जातिवाद भी देखा जाता है, हमारे सविंधान के अनुसार सभी को समानता प्रदान है पर हमारा समाज आज जातियो को लेकर अपनी कूटनीति बनाने में लगा रहता है । हर दिन जातियो के कारण नया विवाद देखने को मिलता है , राजनीति तो बिना जातिवाद के असंभव सी नजर आती है और यही कारण है कि लोग एक दूसरे को खत्म करने के लिए हथियार उठा लेते है ऐसी स्तिथि में हजारो लोग घायल होते है और कई जाने भी जाती है जो आने वाले समय के लिए खतरे का सकेंत है ।

क्यु इन जातियो में भेद किया जाए
मिलकर समाज को एक किया जाए  !!
क्यु बनानी ये कूटनीति
आओ विचारो से सभी को एक किया जाए !!

कुछ उठती हुई आवाजे भी जैसे महिलाओं का अपने हक के लिए आवाज उठाना भी कुछ पुरुष प्रधान समाज वालो को ठेस पहुंचाता है और वह अपनी बात रखने के लिए बढ़क उठते है यही कारण है स्त्री और पुरुष के बीच पनपते हुए विवाद का जिसका समाधान ढूंढना भी मुश्किल हो जाता है और यह समाजिक रूप से हमारा भविष्य बिगाड सकता है।

महिला और पुरुष के समान अधिकार है
आओ इनके अधिकारो को सम्मान दिया जाए !!
बहुत हुआ ये पुरुष प्रधान समाज
आओ मिलकर अब विचार किया जाए ! !

हमारा समाज पुरुष प्रधान है यह सब जानते है पर पुरुषो को अपनी शक्तियो का सही उपयोग करके महिलाओ के हित मे काम करना और उन्हे बढ़ावा देना चाहिए न कि इसे वाद विवाद का विषय बनाकर मन मुटाव रखना चाहिए ऐसा करने से हम वाद विवाद को कुछ कम कर सकते है और  स्त्री-पुरुष में थोडी समानता ला सकते है।

बढ़ते हुए इस वाद विवाद का एक कारण हमारा सोशल मिडिया भी है जिसपर न केवल मनोरंजन की चीजे देखने को मिलती बल्कि यहा लड़ाई झगङे, मार पीट आदि भी देखने को मिलता है जिसका सीधा असर बच्चों पर पड़ता है और बच्चे इसे अपने जीवन में उतारने लगते और यह वाद विवाद का एक बड़ कारण बन जाता है इसलिए बेहतर यही रहेगा कि या तो बच्चो को इनसे दूर रखा जाए या सोशल मिडिया पर यह लड़ाई झगड़े दिखाने पर प्रतिबंध लगाया जाए तब हम बच्चों को इस वाद विवाद से थोड़ा दूर रख सकते है।

वाद विवाद के ओर भी विचार करने वाले कारण है पर अभी मुद्दा यह उठता है कि इसे किसी भी तरह कम करना होगा अन्यथा यह हमारे समाज की एकता की भावना को पूर्ण रूप से निर्बल कर देगा और हमारा समाज नष्ट कर देगा । इसे रोकने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा तभी हम अपने समाज को वाद विवाद जैसे बड़ खतरे से मुक्त कर सकते है । जब तक सभी के बीच प्रेम की भावना जिदां रहेगी तब तक इस वाद विवाद से दूर रहा जा सकता है इसलिए हमारी समझदारी और एक दूसरे के प्रति प्रेम ही हमे इस वाद विवाद जैसे प्रलय से दूर रख सकता है ।।।

खत्म कर दिया जाए ये वाद विवाद
आओ सभी के पक्ष में काम किया जाए ! !
ये तेरा मेरा खत्म करके
अब ससांर को हमारा कर लिया जाए!!

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