यो तो वह दिन भी अन्य दिनों की भांति एक साधारण सा दिन ही था ,लोग अपने रोज़मर्रा के कार्यो में व्यस्त थे , किसी को एहसास तक नहीं था कि अगले ही पल कुछ ऐसा होने वाला है जिससे विश्व पटल पर बहुत कुछ बदलने वाला है . ज़ी हाँ मैं पहलगाम में हुए उस नृशंस नर संहार की बात कर रही हूँ जिसने २६ मासूम ज़िन्दगियों को हमेशा हमेशा के लिए मौत की
नींद सुला दिया था .उनमे से कुछ तो नव विवाहित जोड़े भी थे जो अपने नए जीवन का आरम्भ इस घाटी के अप्रतिम सौंदर्य को अपने अंतस में भर कर करना चाहते रहे होंगे। उन्हें क्या मालूम था कि ये सौंदर्य की घाटी ही उनके लिए मौत की घाटी बनने वाली है।
पहलगाम के पीड़ित इन पीड़ितों में एक नेपाल का नागरिक था , पर अधिकांश भारत के ही थे . कुछ नवविवाहित जोड़े अपना हनीमून मनाने वहाँ गए थे , तो कोई अपना जन्मदिन वहाँ मनाना चाहता था। हर किसी के अपने सपने थे , अपनी उम्मीदें थी .विशेषकर आर्टिकल ३७० हटने के बाद से तो कश्मीर की आबो हवा बदल गई थी . वहां का शांत और सुरक्षित वातावरण अपनी खूबसूरत घाटियों की वजह से एक बार फिर से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन चुका था .किसे पता था आतंकवाद का विषैला नाग एक बार फिर से सर उठाने की कुचेष्टा कर रहा है .
आतंकवादी हमला वैसे तो आतंकवादी हमले हमारे लिए नए नहीं हैं . पहले भी अक्सर ऐसे धमाके होते ही रहते थे।उनदिनों रेलवे स्टेशन पर और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर पोस्टर्स लगे रहते थे "किसी भी लावारिस वास्तु को हाथ न लगाए , बम हो सकता है". २६/११ का
आतंकवादी हमला कोई भू ला नहीं होगा जिसमे करीब ३०० ज़िन्दगी कुर्बान हो गई थी . हाँ इधर कुछ वर्षो से इनमे कमी आई थी ,देश भी विकास की नई उचाइया छूने लगा था . लेकिन शायद ये हमारा भ्रम ही था . विस्तार की भूख विकास से नहीं मिट सकती . पहलगाम की इस अमानवीय घटना ने हमे इस कटु सच्चाई से अवगत करा दिया । और एक बात .कहते हैं आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता , उनका मकसद सिर्फ दहशत फैलाना होता है . तो फिर उन मासूम पर्यटकों से उनका मज़हब क्यों पूछा गया , उनसे कलमा क्यों पढ़वाया गया ? अगर उनमे से कोई कलमा पढ़ देता, कोई इस्लाम का समर्थक होता तो क्या उसे छोड़ दिया जाता ? बात कड़वी है पर विचारणीय है .
पहलगाम के आतंकी इस अमानवीय घटना की ज़िम्मेदारी पाकिस्तान में पल रहे लश्करे-तैयबा और हिज़बुलमुजाहिदीन ने ली है . यह तो सर्व विदित है कि पाकिस्तान आतंकियों को अपने यहाँ पनाह देता है , उन्हें पालता है और भारत भेजने का प्रयास करता रहता
है,भेजता भी रहता है .बार बार की चेतावनी , पुलवामा के बाद की सर्जिकल स्ट्राइक इन सबका उस पर कोई असर ही नहीं पड़ता है . जन आक्रोश पहलगाम के इस क्रूर नर संहार पर जन आक्रोश भयंकर उबाल पर था। था क्या अभी भी है . हर दिल की एक ही चाहत थी
ऐसा बदला लिया जाये कि पाक फिर से ऐसी नापाक हरकत करने लायक ही न रहे।सरकार की तरफ से आश्वासन दिलाने पर कि दोषियों को उनके किये की सजा मिलेगी ही , उन्हें बक्शा नहीं जायेगा , मिटटी में मिला दिया जायेगा ,लोग थोड़े शांत हुए और सरकार की कार्यवाही का इंतज़ार करने लगे।
भारत ने सबसे पहले २४अप्रिल को सिंधु समझौता रद्द कर दिया जिससे पाकिस्तान परेशान हो गया . पर जनता अभी भी इंतज़ार ही कर रही थी , मन में भरोसा था कुछ तो ऐसा होगा कि आतंकियों को हमेशा हमेशा के लिए सबक मिल जायेगा , मृतकों के परिजनों के कलेजे को ठंडक मिलेगी . और हुआ भी ऐसा ही . आई ६-७ मई की वह रात जब ऑपरेशन सिंदूर का आगाज़ हुआ चू की आतंकियों ने धर्म पूछ कर सिर्फ मर्दो को मारा था , महिलाओ का सिंदूर पोछने का प्रयास किया था इसलिए इस कार्यवाही का नाम ऑपरेशन सिंदूर रखा गया।६_७ मई की रात को जब अधिकांश भारतीय राज्यों में मॉक ड्रिल हो रही थी , उसी रात भारतीय हवाई सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में चुन चुन कर आतंकवादियों के ९ ठिकानो को नष्ट कर डाला . इस अभियान से लश्करे-तैयबा और जैशे
मोहम्मद के कई बड़े बड़े आतंकी मारे गए। हमला सिर्फ आतंकवादियों ,उनके ठिकानो , उनके लॉन्चिंग पैड और उन्हें तैयार करने वाले मदरसों पर हुआ। जवाब में पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों से भारत पर हमला करने का प्रयास किया पर भारतीय सेना के ज़ाबाज़ो ने उनके मंसूबो पर पानी फेर दिया . प्रत्युत्तर में उन्होंने भारत के कई शहरो पर हमला किया जिसे विफल कर दिया गया . और फिर १० मई को भारतीय मिसाइलों और ड्रोनों ने पाकिस्तान के आठ एयरफोर्स बेस ,राडार और एयर डिफेन्स यूनिट को नष्ट कर डाला जिसमे रहीम यार खान बेस, सरगोधा भी शामिल हैं। पाकिस्तान ने भी भारत के एयरपोर्ट पर हमला करने का प्रयास किया जिसे विफल कर दिया गया।
वर्तमान स्थिति दोनो देशो के बीच की स्थति अभी भी काफी नाज़ुक है। LOC पर दोनों देशो ने अपनी सेनाये बढ़ा दी हैं . दोनों देशो ने अपने अपने डिप्लोमेट्स को वापस बुला लिया है. भारत ने पाकिस्तानी नागरिको का वीसा रद्द कर दिया है और उन्हें वापस अपने देश जाने को कह दिया है। पाकिस्तान के साथ सारे व्यापार भी बंद कर दिया है . कहने को अभी दोनों देशो के बीच युद्ध विराम चल रहा है ,पर पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से कहा बाज़ आने वाला है अभी भी छिटपुट घटनाये हो ही रही हैं। फिर अमेरिका चीन टर्की -इनका साथ पाकर वह और भी उछल रहा है। किन्तु वह समझ नहीं पा रहा है खुद पाकिस्तान के अंदर भी गृह युद्ध चल रहा है . बलूचिस्तान ने खुद को स्वतंत्र घोषित कर ही दिया है , बाकि सिंद, पंजाब, खैबर में भी विद्रोह चल रहा है.देखना ये है कि पकिस्ता अपने कुशाशन की वजह से पहले ५ टुकड़ो में बटता है या भारत की वजह से।