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एक ही गर्भ से जन्मे जुड़ा स्नेह का गठबंधन 
जब तक जीवित है चलता रहे ये अटूट बंधन।
पिता जैसा संरक्षण, माता जैसा चंचल मन 
एक प्रिय मित्र की तरह निभाया हर वचन।
सुलझाई जीवन की बगिया की हर उलझन 
जीवन रूपी इस सफर के तुम हो श्रेष्ठ ईंधन।
खुशियों की किलकारियों से गूंजता रहे तेरा चमन
उत्साह से बीते हर क्षण एक पल भी ना हो रूंदन।
यही दुआएं करता है बहनों का अंतर्मन 
जब भी तेरी दहलीज में आऊं प्यार से कर मेरा अभिनंदन।
बस यही उपहार चाहिए ना मांग कोई नेग ना धन
मुबारक हो मेरे प्यारे भाई ये प्यारा रक्षाबंधन।

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