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जिंदगी आहिस्ता आहिस्ता खिसकती जा रही है
पापों की गठरी भी बढ़ती जा रही है
अब तो कर ले भजन बंदगी बंदे,अगली कब्र तुम्हारी है ।
जिम्मेदारियां निर्वाह करते करते कमर भी झुकती जा रही है
बत्तीसी ने तो जवाब दे रखा है,हड्डियां भी कराह रही है
विभिन्न बीमारियां तन को अपना शिकार बनाते जा रही है
अब तो कर ले भजन बंदगी बंदे,अगली कब्र तुम्हारी है।
प्रकृति अपने तरीके से संकेत देती जा रही है
अब तो जीवन का विश्लेषण करने की बारी है
मोह माया के बंधन में तो सारी जिन्दगी गुजरी है
अब तो कर ले भजन बंदगी बंदे,अगली कब्र तुम्हारी है।
जन्म जन्म से कर्मों की उधारी है
भक्ति रस में डूब,छोड़ना द्वेष अंहकार की सवारी है
एक अथक प्रयास तो कर,खुदा की रहमते अभी भी जारी है
अब तो कर ले भजन बंदगी बंदे,अगली कब्र तुम्हारी है।
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