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जिंदगी और कुछ भी नही ईश्वर का दिया अनुपम उपहार है
इस तोहफे के लिए खुदा को बारंबार नमस्कार है।
जिंदगी और कुछ भी नहीं कर्मों का फलयोग है
तभी तो किसे मिलता गरीबी ताज तो किसे मिलता राजयोग है।
जिंदगी और कुछ भी नहीं एक पेचीदा प्रश्नपत्र है
जिसे नकल या अकल से हल करने के लिए हर कोई स्वतंत्र है।
जिंदगी और कुछ भी नही एक यात्रा है
जहां हर मुसाफिर की सुखों और दुखों की अलग अलग मात्रा है।
जिंदगी और कुछ भी नहीं एक प्रयोगशाला है
जहां नित नवीन प्रयोग किए जाते है
प्रयोग सफल रहा तुम्हारे हाथ सफलता की माला है।
जिंदगी और कुछ भी नहीं यादों की कड़ियां हैं
जिसमे बचपन जवानी और बुढ़ापे की कड़ियां है।
जिंदगी और कुछ भी नही रत्न अनमोल है
जिस पारखी ने समझा चलता संभलकर ना लगाता इसका कोई मोल है।