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वर्ष का लेखा जोखा लेकर, लो आ गया दिसंबर
सर्दी की गुनगुनी धूप का आनंद लेकर लो आ गया दिसंबर।

एक वर्ष का अंत और अगले वर्ष का प्रारम्भ लेकर दिसंबर हमारे बीच आ चुका है।तो आपने क्या सोचा है इसे कैसे करें अलविदा?

मेरे ख्याल से एक रात थिरकते कदमों से फूहड़ता भरे संगीत पर कमर लचकते हुए तो कदापि नही।

गत वर्ष को अलविदा इतना मधुरता से करे कि आने वाला वर्ष हमारे लिए मंगलकारी हो।जो साल भर सोचते रहे और वह कर न पाए हो वो इस माह कर जाए जिससे नूतन वर्ष का आगमन अपने आप खुशनुमा हो जाए।

अगर आप एक विद्यार्थी है तो अब अपनी बुद्धि और परिश्रम से अपने ज्ञान की सुगंध को चारों तरफ फैलाओ जिससे तुम्हारे जीवन में सुंदरता आ जाएगी।

जो चाहते हो जीवन में पूर्णता
तो आलस्य छोड़ अपनाओ जागृता
जिससे सफलताओं की रहेगी प्रचुरता ।

अगर आप एक गृहिणी है तो अपने लिए थोड़ा समय निकालकर अपने आप को परखो आप क्या थी? आप में क्या क्षमता थी? आपके क्या सपने थे? अपनी इच्छाओं के गजरे से  अपना श्रृंगार करें और अपने जीवन को एक नया आयाम दे।

चूल्हा चौका छोड़ ऐ रसोई घर की दीवानी
पुरुषों को पछाड़,बन अब  तू मर्दानी
रच डाल इतिहास बना अपनी एक नई कहानी।

अगर आप नौकरी की तलाश में है और इस साल आपको नौकरी नहीं मिली तो निराशा से नहीं उत्साह से नव वर्ष का स्वागत करें क्योंकि जीवन का हर क्षण द्वार खोलता है नहीं आशाओं और संभावनाओं का बस इसे समझ कर अपनी मंजिल को ढूंढना पड़ता है क्योंकि कल के सूरज चंदा भी आज फिर से नवजीवन पाते हैं।

अगर आप बुजुर्ग व्यक्ति है तो शुकराना करें उसे परमेश्वर का जिसने नए साल में प्रवेश करने की अनुमति दी है आप भी इस उपहार के बदले उनकी आज्ञा मानकर भजन बंदगी में अपना समय व्यतीत करें एहसासों की परवाह न करना तुम बदल देना अपना रुख तुम बस स्नेह से काम लेना तुम।

अगर आप एक पति है और अपना वैवाहिक जीवन सुखद बनाना चाहते हैं तो गत वर्ष की गलतियों के लिए अपनी पत्नी से माफी मांगे। (माफीनामा लिखकर) बिना खर्चे के आपकी पत्नी को सबसे प्यारा उपहार मिल जाएगा।ऐसे आप अपना नूतन वर्ष सुखद बनाए।

 लुफ्त  जिंदगी का लेना है तो थोड़ा झुकना सीखिए अपने अहम को कम कर नम्रता और नेह का दामन थामिए।

आप व्यापारी ,नौकरी पेशा ,बच्चे जो भी हो बस अपने जीवन में सकारात्मकता को अपनाए आप जो भी जीवन में चाहते हो आपको अवश्य मिलेगा।

सपनों की मंजिल एकदम से पास नहीं आती जिंदगी में हर पल उदासी नहीं आती उसे ईश्वर का करना शुकराना क्योंकि कभी-कभी वह भी मिल जाता है जिसके हमेंआस नहीं होती।

हमारे बहुत से अरमान ख्वाहिशें होती है वह पूर्ण नहीं होती तो हम दुखी हो जाते हैं और किस्मत को कोसते हैं ऐसा करने से क्या होगा? पेड़ को हिलाए बिना फल मिलते हैं क्या ? नहीं बिल्कुल नहीं तो हमें भी अपने कर्मों की साख को हिलाना होगा तभी तो फूल झोली में गिरेंगे।

जिंदगी की गाड़ी नई पटरी की ओर मुड़ रही है। पिछली यात्रा से लिए सबक जिंदगी आगे की ओर बढ़ रही है । तो यह यात्रा सीधी तो नहीं होगी कुछ दूर जाकर मोड़ अवश्य आएंगे तो उनसे घबराएं नहीं धैर्य के साथ रास्ता तय करें ।सहयात्रियों के साथ सहयोग की भावना से चले और अपने सफ़र को आनंदित बनाएं।

किसी कारणवश गत वर्ष जो मिली तुम्हे सजा
तो इससे सीख ले आगे बढ़ो और इस वर्ष करो मजा।

यह नूतन यात्रा आपको अनूठी उपलब्धियां और सुख का मार्ग प्रशस्त करें। ऐसी कामना के साथ ही यह लेख समाप्त करती हूं।

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