मौत का तांडव हुआ पहलगाम में
निर्दोषों की हत्या हुई सरेआम घाटी में।
जिंदगी की आपाधापी से दूर निकले सुकून की तलाश में
क्या पता था अत्याचारी बैठा था शिकार की ताक में।
धर्म की आड़ पर अधर्मियों के उन्माद में
28 पर्यटक बलि हो गए हिन्दू मुस्लिम के फसाद में।
धर्म पूछ पूछ कर मारते रहे वह गोली
मानवता को किया शर्मशार खेले खून की होली।
आखिर कब तक धैर्य की परीक्षा ली जाएगी?
आखिर कब तक मुट्ठी भींची जाएगी?
देख ऐसी क्रूरता भारत माता करे पुकार
जागो वीर! आतंकवादियों पर करो प्रहार।
जवाब दो उन कायरों को करो पलट वार
छोड़ दो अब तुम भी अहिंसा का व्यवहार।