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मुझसे ही कुटुंब मुझसे ही काफिला

स्नेह के लेनदेन में स्थान मिला है पहिला
बीज को अंकुरित कर, देती हूं फूल खिला
जी हां मुझसे मिलिए मैं हूं एक महिला।
कोमल हूं पर,वक्त आने पर बन जाती चंडाला
रसोईघर से शेयर बाजार तक संभाला
आन पर जब बन आती है तो उठा लेती चपला।
जी हां मुझसे मिलिए मैं हूं एक महिला।
गृहस्थी का काज हो,या फतेह करना हो किला
खेल राजनीति हो या हो विज्ञान हर क्षेत्र में सम्मान मिला
जी हां मुझसे मिलिए मैं हूं एक महिला।
अग्नि परीक्षा भी दी,पिया विष का भी प्याला
सहनशीलता की मूरत हूं,पर ना कमजोर ना अबला
जी हां मुझसे मिलिए मैं हूं एक महिला।

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