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सारे परिवार का भार अपने कंधो पर लेकर
जीवन के आंधी तुफानों में अपनी छत्र छाया देकर
जिंदगी के सारे गमों को मुस्कराते हुए हंसकर
जीवनपथ पर मार्ग दिखाते मार्गदर्शक बनकर
भीतर नरमी और बाहर चट्टान सी सख्ती बरतकर
कभी आलोचक तो कभी उपदेशक सा बनकर
भाग्य और किस्मत से लड़कर
हमे पहुंचाते उन्नति के शिखर पर
सबसे अधिक प्रसन्न होते हमारी प्रगति पर
माफ जो कर देते क्षमा याचना पर
नदी मांगे तो दे दे जो पूरा समंदर
सम्पूर्ण कष्टों को समाए अपने अंदर
कंटीली पगडंडियों से ले जाए सुरक्षित कंदर
ये हैं हमारे जीवन के निर्माता
हमारे सम्मानीय पिता।।।