Photo by Miguel Bruna on Unsplash
हम रोज रोज थोड़ा- थोड़ा हारे है।
तभी तो आज खड़े इस किनारे है।।
जूनून तो हम मै भी था लेकिन लगा दीया है।
दूसरो की खातिर और आज हम बेचारे है।।
चाहे अगर हम कि जग मे हमारा नाम हो।
तो जरूरी है कि हमारी कुछ अलग पहचान हो।।
जन्म लेकर मरना यह तो साधारण सी बात है।
कुछ करके जिन्दगी से जाना इसमे खास बात है।।
सबसे पहले आत्मशक्ति को पहचानना, आत्मविशवास जगाना होगा।
आत्मनियन्त्रण,लगन,ढृष्ढ निश्चय जैसे हथियार थामने होगे।।
भीड़ से अलग दिखना है तो इन सबको थामना होगा। हमे कुछ ऐसा कर दिखाना होगा हमे हमारी पहचान बनानी होगी।