आज कल हम सोशल मिडिया पर द केरला स्टोरी के बारे मे पड़ते है बहुत ही मार्मिक व संदेश देने वाली कहानी पर आधारित फिल्म बनाई हैै जो समाज की आँखो को खोलती है।
हमारे बच्चे जो बहकावे मे आ जाते है उन्ही को मद्देनजर रखकर यह फिल्म बनाई गई है।खास तौर पर हमारी बेटियाँ जो स्कूल व कॉलेज मे पड़ने जाती है जहाँ वो अपने दोस्तो के साथ रहते है जिसमे कई दोस्त अपने धर्म को सर्वोपरि कहकर उन्ही के बारे मे बखान करके कई दोस्तो को बहकाने की कोशिश करते है हमारी बेटियाँ भी इसी सिकजे मे फँस जाती है। और फँसती चती जाती है फिर अपने धर्म को बदलने की होड मे लग जाती है और जिन्दगी मे गलत फैसले ले बैठती है।और अपना और अपने परिवार का जीवन बरबाद कर देती है हमारा फर्ज है कि हम अपनी बेटी व बेटो दोनों को सही व गलत का अंतर समझाये और बिना झिझक, बिना डरे हमारे बच्चे हमसे हर मुद्दे पर बात करे ताकि उन्हे हम सही रास्ता बताये किसी के बहकावे मे आकर गलत रास्ता न चुन ले।
मेरी प्रत्येक माता- पिता से विनती है बच्चो को अपना दोस्त बनाये ताकि वो सबसे पहले अपनी समस्याये माँ - बाप को बताये किसी दूसरो को नही... बच्चो में कमी ढुढ़ने से पहले हमे अपने मे वो कमी दुढ़नी होगी कि कहाँ हमसे चूक रह गयी कि हमारा बच्चा भटक गया।
इसी पर आधारित दो पक्तियाँ।
जमाने मे बहकाने के कई रास्ते है,तू बहक जायेगा।
माँ- बाप को अपना दोस्त बना,तू कभी न धोखा खायेगा।।