Image by Siddharth "Vidyarthi" from Pixabay

हिंदी है हमारी माटी की आवाज,
शब्दों में छुपा है संस्कारों का राज।
गंगा की धारा-सी निर्मल और पावन,
संस्कृति का दर्पण, हृदय का सावन।

अक्षरों में गूंजी ऋषियों की वाणी,
कबीर के दोहे, तुलसी की कहानी।
मीरा की भक्ति, रसखान का प्यार,
हिंदी में झलकता है सारा संसार।

हिंदी है हमारी माटी की आवाज,
शब्दों में छुपा है संस्कारों का राज।
जन-जन की भाषा, जन-मन का अभिमान,
हिंदी है हमारी जड़ों की पहचान।

खेतों की मिट्टी, शहरों की साख,
हिंदी है भारत की अद्भुत झांकी।
मंदिरों के घंटे, मस्जिद की अजान,
हिंदी में गूंजे एकता का गान।

लोकगीत, कहानियाँ, उत्सव की उमंग,
हिंदी में बसते हैं जीवन के रंग।
स्वतंत्रता संग्राम की रही जो कड़ी,
हिंदी ने ही खड़ी की वो लड़ी।

महात्मा की लाठी, सुभाष का सिंहनाद,
हिंदी में गूंजा हर वीर का संवाद।
आज भी है यह हमारे दिल की धड़कन,
संजोए रखती है संस्कारों की चहकन।

हिंदी है ध्वज, संस्कृति का मान,
हिंदी में बसता है सारा हिंदुस्तान।
हिंदी है हमारी माटी की आवाज,
शब्दों में छुपा है संस्कारों का राज।

आओ मिलकर इस भाषा का मान बढ़ाएं,
नई पीढ़ी को हिंदी का गौरव सिखाएं।
अपनी जड़ों से हमें जोड़े जो,
हिंदी का हर अक्षर अमृत-सा हो।

हिंदी है आत्मा, हिंदी है प्राण,
हिंदी है भारत की अमिट पहचान।

.    .    .

Discus