ख़राब व्यवस्था के लिए -सभी नहीं पर वो लोग जिन्होंने, ख़राब व्यवस्था में रहना उचित समझा लेकिन, ख़राब व्यवस्था का कभी विरोध नहीं किया। तथा वो लोग जिन्होंने योग्य लोगों को पीछे करके या करवा के, केवल अपना फ़ायदा देखा, और अयोग्य लोगों को सत्ता में बिठा दिया हैं। और वो लोग, जिनकी पहले तो वोट देना मजबूरी होती थी, पर अब तो कोई मज़बूरी नहीं। फिर वोट प्रक्रिया तो गोपनीय होती हैं, फिर डर किस बात का। मान लिया किसी नेता ने आपकी या आपके बेटे या बेटी की नौकरी लगवाई होगी। लेकिन नेता का काम नौकरियां लगवाना नहीं, बल्कि नौकरियां पैदा करना होता हैं। और व्यक्ति अपनी काबिलियत के हिसाब से नौकरी ढूंढे और ले। हां युवाओं का और गरीबों का नौकरी लेने के लिए मार्ग दर्शन करना, हम सब का कर्तव्य है।
गरीबी के लिए - सभी नहीं पर वो लोग जिन्होंने, कम मेहनत करने पर ही रुचि रखी + वो लोग जो गरीबों का खून चूसते रहे पर गरीबों को अमीर नहीं बनाया, + वो लोग, जिन्होंने रिश्वत ले कर, ऐसी पॉलिसी बनाई, जो सिर्फ़ अमीर के हित में, राजनेताओं के हित में और कुछ एक ढोंगी बाबाओं के ही हित में थीं/हैं।
ख़राब व्यवस्था के लिए -सभी नहीं पर वो लोग जिन्होंने, ख़राब व्यवस्था में रहना उचित समझा लेकिन, ख़राब व्यवस्था का कभी विरोध नहीं किया।
Late Justice के लिए - सभी नहीं पर वो वकील जो अपनी फीस हर बार लेने के लिए, अगली तिथि देते हैं। तथा वो लोग, जो जिन्होंने किसी पढ़े लिखे व्यक्ति से कोर्ट में जाने से पहले, सलाह नहीं ली। Late Justice के लिए वो लोग भी जिम्मेवार हैं जो उन नियमों को नहीं बदलते, जिनकी वज़ह से अतिरिक्त केस बढ़ते हैं, जैसे की ट्रैफिक नियमों का शक्ति से पालन न करना या करवाना।
बेरोजगारी के लिए - सभी नहीं पर वो लोग जिन्होंने, फिर से पॉलिसी केवल पूंजीपतियों के हित में बना रखी हैं तथा वो लोग, जो अपनी इस कमाई से संतुष्ट हैं।
जातिवाद के लिए - सभी नहीं पर वो लोग जिन्होंने, जिन्होंने अपने ऐशो आराम के लिए, लोहार के बेटे को लोहार का ही काम करने के लिए बोला, नाई के बेटे को नाई बनने के लिए ही बोला तथा चमड़े का काम करने वाले को चमड़े का ही काम करने के लिए बोला। और ये सब लोग मजबूरी में वहीं काम करते रहे। लेकिन हर बार की तरह केवल अपने मालिक या उसके बेटे या रिश्तेदार को ही वोट देना, ये कोई मजबूरी नहीं हैं। हो सकता हैं आप या आपके बेटे की काबिलियत उनसे ज्यादा हो।
जातिवाद आरक्षण के लिए - सभी नहीं पर वो लोग जो जाति देख कर वोट, नोट और इंटरव्यू में कम मार्क्स देते।