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कलम तू क्या चीज है
कलम जब चलने लगती
इतिहास लिख डालती
कृष्ण ने रणभूमि मे दिये उपदेश
कलम ने उसे श्रीमद्भगवत गीता बना ङाला
राम की जिवन ग़ाथा लिखते लिखते
पवित्र ग्रंथ रामायण बना डाली
सान्तनु से लेकर गंगा पुत्र भिष्म
कौरव पाण्डवों के रणभूमि का रक्तपात
युधिष्ठिर के राज्यअभिषक तक
महाग्रंथ महाभारत लिख डाला
कलम ने सच्चाई लिखना शुरू किया
आजादी का बिगुल बजा दिया
चन्दशेखर भगत सिह राजगुरु
का बलिदान लिख डाला
गुमनाम जिन्दगी जी रहे
काला पानी का अत्याचार यातनायें
हो रहे जुल्मो का इतिहास बना डाला
सावरकर का देश प्रति सर्मपण त्याग तपस्या कौन भुला सकता है
कलम ने उनका चरित्र लिख डाला
नारी शक्ति को लोगों तक पहुचाने वाली कलम
रानी लक्षमीवाई अहिल्यावाई होलकर सावित्रीवाई फूले भिकाजी कामा की वीर गाथा लिख डाली
कलम ने नारी को बाहर निकलने के लिये बेबस किया
कलम जब साहित्यकार उठाता है
प्रेमचन्द बनकर गरीबी,लाचारी अत्याचार को उजागार करता
कवि या कवित्री ने कलम उठाया
सुमित्रानन्द पंथ महादेवी वर्मा दिनकर
मनुष्य की व्यथा का चित्रण कर डाला
पत्रकार जब कलम उठाता
चीथडे कर देता या ऊँचाईयों मे पांहुचा देता
सच्चाई को जनता के समक्ष लाता
राजनिति की उथलपुथल दिखाता
अच्छे बुरे का बोध कराता है
इंदिरा गाँधी को नारी शक्ति की दर्गा
बनाने वाली वो कलम ही हैं
सुरों की देवी माँ सरस्वती जिनके कंठ मे विराजमान
कलम ने ही उनको सूरो की देवी बनाया
सर्मपण सादगी का मन मे विचार संजोये लाल वहादुर शास्त्री
कलम ने उनको शदी का महानायक बना दिया
होल्डर पेन अब गुम हो गये
स्याही अब स्वाह हो गयी
बाँल पेन का युग है यारो
कुछ लिख रहे है कुछ बिक रहे
पहले लिखते थे मीट जाते थे
दाग वही रह जाते थे
अब न मिटते है न धुलते
दाग अब नही बन पाते
शान से जीते खुशी मनाते
जितना लिखोगे उतना सताये जाओगे
जितना छिपाओगे उतना कमाओगे