(भारत की राजनीति के आकाश में अटल बिहारी वाजपेयी एक ऐसे सितारे के रूप में चमके, जिन्होंने अपने तेजस्वी नेतृत्व, ओजस्वी वाणी और अद्वितीय व्यक्तित्व से देश और विश्व में अपनी अमिट छाप छोड़ी। एक प्रखर राजनेता, कुशल कूटनीतिज्ञ, ओजस्वी कवि और जनता के सच्चे हितैषी के रूप में अटल जी का जीवन प्रेरणा का स्रोत है।
उनकी राजनीति में न तो विरोधियों के प्रति कटुता थी और न ही निजी स्वार्थ। उनके विचार और कर्म केवल राष्ट्रहित के लिए समर्पित थे। चाहे पोखरण में परमाणु परीक्षण हो, कारगिल युद्ध का नेतृत्व हो, या भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने का सपना—हर क्षेत्र में उन्होंने अद्वितीय साहस और धैर्य का परिचय दिया।
एक संवेदनशील कवि के रूप में भी अटल जी ने लोगों के हृदयों को छुआ। उनकी कविताएँ केवल शब्द नहीं, बल्कि उनके गहरे विचारों और राष्ट्र के प्रति उनकी अटूट निष्ठा का प्रतीक हैं।"मौत से ठन गई " एवं"गीत नया गाता हूँ" जैसी पंक्तियाँ आज भी हमें आशा, उत्साह और संकल्प से भर देती हैं।
उनके निधन से भारत ने न केवल एक महान नेता, बल्कि एक आदर्श व्यक्तित्व खो दिया। यह कविता अटल जी के प्रति हमारी श्रद्धा, कृतज्ञता और उनके अमर विचारों को जीवंत रखने का एक प्रयास है। उनकी स्मृतियों को शब्दों के माध्यम से सजीव करते हुए, यह रचना उनके जीवन और योगदान को नमन करती है।)
अटल वाणी, अटल मन, अटल व्यक्तित्व महान,
जन-जन के प्रिय, भारत माँ के सच्चे संतान।
तुम्हारी वाणी में वो ओज था, जो हृदय को भेदता,
तुम्हारे शब्दों का जादू, जो पत्थर को भी पिघलाता।
हिंदी के गौरव, काव्य का स्रोत,
तुमने राजनीति को दिया एक नया मोड़।
नेतृत्व में दृढ़, विचारों में अटल,
तुम्हारे जैसे व्यक्तित्व, मिलते हैं युगों बाद फल।
भारत के आकाश में जो चमका सितारा,
तुमने दिखाया सबको एक नया सहारा।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक तुमने जोड़ा,
सबका दिल जीतकर, राष्ट्र का सपना मोड़ा।
सदा सत्य पर अडिग, नीति में अटल रहे,
चाहे कितने तूफान आए, अपने पथ पर अड़े रहे।
न परमाणु परिक्षण रुका, न संकल्प हिला,
भारत को विश्व मंच पर, नई पहचान दिला।
तुम्हारा जीवन सिखाता हमें, क्या है धैर्य,
क्या है सेवा, क्या है कर्म, और क्या है श्रद्धा।
तुम्हारी मुस्कान में वो सरलता थी,
जो हर कठिनाई में हमें राह दिखाती थी।
तुम्हारी कविताएँ आज भी गूँजती हैं,
हर हृदय में प्रेरणा बनकर बसती हैं।
"गीत नया गाता हूँ", ये पंक्तियाँ हमें याद दिलाती हैं,
कि हर अँधेरे के बाद, नई सुबह आती है।
अटल जी, तुम केवल नाम नहीं,
तुम एक युग हो, तुम एक प्रणाम हो।
तुम्हारी छवि हमारे दिलों में सदैव अडिग रहेगी,
तुम्हारी विचारधारा हमें नई राह दिखाएगी।
आज हम नमन करते हैं तुम्हें,
तुम्हारे आदर्शों को जीवन में उतारते हैं।
श्रद्धा के सुमन चढ़ाते हैं तुम्हारे चरणों में,
अटल जी, तुम सदैव रहोगे हमारे स्मरणों में।
तुम्हारे बिना भारत अधूरा है,
पर तुम्हारा सपना हर दिल में पूरा है।
अलविदा कहने का साहस नहीं है,
क्योंकि तुम अटल हो, हमेशा यहीं हो।