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दिसम्बर का महीना कुछ सर्द कुछ गुनगुना
कोहरे की चादर में लिपटा कुछ अलसाया
पहाड़ों के लिये बर्फ की चादर ले आया
जादू करना कोई दिसंबर से सीखे
जनवरी से दिसंबर आने में लग गए 11 महीने
दिसंबर से जनवरी बस एक रात में पहुंचे
चुपके से कह गया दिसम्बर जाते जाते
अंत का अफसोस नहीं करते
नयी शुरुआत की करो बाते
झूमता हंसता जश्न मनाता हुआ लेता विदा
छुपा के ले जाता खट्टी मिट्ठी यादों का खजाना
फिर मिलुँगा दिसम्बर कर गया हैं वादा
जाते जाते भी दे गया नये साल का तोहफा
आशाओं से भरा सपनों में लिपटा उम्मीदों से सजा
- स्वागत की प्रतीक्षा में नववर्ष द्वार पर खड़ा

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