कोयल की कुहुक से जग को जगाना।
हरियाली की चादर धरती पर बिछाना,
प्रेम और उल्लास का संदेशा पहुँचाना।
अपने संग खुशियों की सौगात लाना
आंखों में रंग बिरंगे सपने सजाना
उम्मीदों के दीप हर दिल में जलाना
हे बसंत, ! तुम सबके जीवन में एक बार जरूर आना!
सूखे मन के आँगन में रंग बिखराना
उदास मन में कोई नया गीत गुनगुनाना।
बंजर दिलों को नमी दे जाना,
बिछड़े भावों को प्रेम से मिलाना।
न कोई जीवन तुम्हारे बिना अधूरा रहे,
हर दिल में मधुमास का नूर सजे।
फिर चटखें कोंपल, फिर बाग़ महकाना
हे बसंत तुम सबके जीवन में एक बार जरूर आना
है बसंत, तुम रूठो न कभी किसी से,
हर राही को राह दिखाओ ख़ुशी से।
कोई जीवन तुम्हारे बिना ना गुजरे
हर द्वार पर तु सदा यूँ ही उतरे।
पतझड़ की ठंडी साँसों से काँप उठा जब मन
सूने वृक्षों सा झुका, बिखर गया अपनापन।
टूटे पत्तों सी मुरझाई उदास आँखों ने कहा
है बसंत तुम सबके जीवन में एक बार जरूर आना