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जब थम जाती हैं शब्दों की आवाज
तब खामोशी करती हैं दिल की बात
मन में बसे अनगिनत अक्षर
खामोशी करती न उन्हें मुखर
रिश्तों की दूरियां मिटा खोई वाणी लौटा देती
खामोशी की गोद में कड़वी बातें भूल जाती
खामोशी में इक मीठी सी खूशबू छुपी होती
मुसीबतों की धूप में घनी छाया हैं खामोशी
जिन्दगी के रास्ते में नया मोड़ हैं खामोशी
यादों का अनमोल खजाना हैं खामोशी
ख्यालों के ताने बाने से ख्वाब बुनती हैं खामोशी
दर्द और खुशी के किस्से बयां करती हैं खामोशी
मेरी फुर्सत के पलों की साथी हैं ये खामोशी

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