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आज कल की युवा को है हर छोटी चीज़ में तनाव।
बांट ने के लिए कोई नहीं है उनके घाव।
मानसिक तनाव को न करना नज़र-अंदाज़,
इस के लिए डॉक्टर की सलाह लेना बिंदास।
ना लेना किसी चीज़ का टेंशन,
अगर तनाव हुआ तो बन जाओगे पेशेंट।
तनाव को पहचाने में करे उनकी साहयता,
अकेले रहना, अतिरिखत चिंता, नींद की कमी, आत्महत्या का विचार ये सारी चीज हैं हमें उन्हें बचाना।
तनाव से हो सकती है कई विकार,
समझ के उनको उनका साथ देने से नहीं होगा कोई बीमार।
डिप्रेशन को ना लेना हल्के में,
करना होगा उसको ठीक नहीं तो परिवार की जिंदगी होगी अँधेरे में।
तनाव से होती चिंता और एंग्जायटी विकार,
अगर हो अपनों का साथ तो बिमारी मान जायेगी हार।
इससे दूर कर ने के लिए हैं अनेक उपाय,
जैसे कि अपनों का साथ, कसरथ, और डॉक्टर की राय।
परिवार से बंटो अपनी हर दुख,
दूर करने में वो करेंगे मदद हर समस्या।