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कुछ यादें होती हैं प्यारी,
तो कुछ होती हैं रुला देने वाली।

यादों को रखो संभाल कर,
मेरी एक खास यादें जिसे रोना आता है सोच कर,

मेरा बी.कॉम प्रथम वर्ष का था परिणाम,
जिसे याद करती हूं मैं बार-बार।

उस परिणाम में मिले थे मुझे अच्छे अंक,
उस दिन मैंने नानाजी को फोन करके बताया तुरंत।

ख़ुशी थी उनकी सातवे आसमान पे,
उनकी ख़ुशी छलक थी अभी भी मेरे कानों में।

उस वक्त नहीं था पता कि उनसे थी बातें ये आखिरी,
उस दिन हमारी बातें रह गयीं अधूरी।

अगर मिले मौका तो बात करनी है पूरी,
हैं हमारी नाना-पोती की जोड़ी हैं सबसे प्यारी।

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