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अंतरिक्ष की ऊंचाइयों से,
लौटी धरा पर आज,
सुनीता विलियम्स का स्वागत,
है भारत का सरताज।

सितारों की दुनिया में,
लहराया तिरंगा शान से,
विज्ञान की इस बेटी ने,
बढ़ाया देश का मान है।

शून्य गुरुत्वाकर्षण में,
लहराया पसीना जिसने,
अंतरिक्ष के रहस्यों को,
खोला है अपने दम से।

कल्पना चावला की विरासत,
आगे बढ़ाई जिसने,
बेटियों को सपनों की उड़ान,
नई दिखाई जिसने।

धरती की गोद में आकर,
मुस्कुराई ये नारी,
अंतरिक्ष के अनुभव की,
आँखों में चमकी चिंगारी।

देश की बेटियां देख रही,
इनसे ही प्रेरणा लेकर,
चलेगी वो भी अंतरिक्ष में,
हौसला दिल में रखकर।

भारत की धरती पर,
स्वागत है तुम्हारा,
गौरव से भर दिया तुमने,
ये दिल हमारा।

विज्ञान की देवी तुम,
हो सबकी प्रेरणा,
अंतरिक्ष से लौटी तुम,
हो धरती की वंदना।

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