hoto by Ravi Mittal from pexels.com

धर्म की नगरी में मोक्ष के ख्वाब बुनें
पाप की राह छोड़ भक्ति की मार्ग चुनें
महादेव पर श्रद्धा रख हर हर गंगे नाप जपें
पवित्र कुंभ स्नान करें तप और ध्यान धरें
चलो रे कुंभ चलें..

धर्म कर्म को समझें कुंभ की महिमा जानें
साधु संतों की सुनें उनकी दिव्यता को पहचानें
शिव ही सत्य है उस सत्य को स्वीकारें
तपस्वीयों को जानें वैराग्य को मानें
चलो रे कुंभ चलें...

संगम की धरा पर पाप अपना हम धुला लें
अपने मन का दीप जला लें सोये भाग जगा लें।
गंगा यमुना सरस्वती की हम सब महिमा जानें
श्रद्धा और विश्वास की शक्ति को जानें और पहचानें
चलो रे कुंभ चलें ...

वहां कण कण में ईश्वर बसते है इस सत्य को मानें
परम मोक्ष का धाम यही तीर्थराज इसे हम जानें
धर्म संस्कृति का वास यहां इतिहास है इसका मानें
देव भूमि यह भारत की इसे प्रयागराज से जानें।
चलो रे कुंभ चलें , चलो रे कुंभ चलें ।

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