Image by Satyam Baranwal from Pixabay छोटे से अपने, बाल गोपाल ।
सब कहते इन्हें , नंद के लाल ।
कान्हा का है ,यह संसार ।
कृष्ण ही सबके, कर्णाधार ।
नंद बाबा के , राजदुलारे ।
यशोदा मां के , आंखों के तारे ।
मां को कहते, मैय्या मैय्या ।
पार लगाते , सबकी नैय्या ।
होता जब, जीवन बेहाल ।
कृष्णा ही सब, लेते संभाल ।
दिखाते अपनी, लीला कमाल ।
इनके भक्तों के, होते ठाट ।
सुदामा से, बनते सम्राट ।
बांके बिहारी जी की,
लीला अपरम्पार ।
भक्तों पर ये, लुटाते प्यार ।
जब जब भी,लेते अवतार ।
कर देते , जग का उद्धार ।
बोलता जो भी, राधे राधे ।
दुःख सब उसके , दूर ही भागे ।
ये हैं सबके, कृष्ण मुरारी ।
सचमुच इनकी , लीला न्यारी ।
चाहो यदि ,चैन का जीवन ।
करना होगा, गोपाल का सुमिरन ।
मथुरा में जन्मे, पले गोकुल में ।
मिटा दिये कष्ट , सबके रण में ।
रच दो प्रभु ,संसार दुबारा ।
जहां हर घर हो , सुखों का द्वारा ।
द्वारिकाधीश की, जय-जयकार ।
नंदलाल की , जय- जयकार ।
जय हो तुम्हारी , द्वारिकाधीश ।
हम सब तुम्हें झुकाते शीश ।
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