प्रथम दिन मां शैलपुत्री की उपासना हो,
शुभ मुहूर्त भोग मंत्रों से आराधना हो,
नवरात्रि में शैलपुत्री माता की घट स्थापना हो,
प्रेम भक्ति के सागर की भावना हो।
घरों में कलश अखंड ज्योति की स्थापना हो,
संसार में समभाव सद्भाव की सद्भावना हो,
हर घर में माता के प्रथम दिन की उपासना हो,
भक्तों द्वारा माता रानी की सदैव प्रार्थना हो।
नवरात्रि में स्वार्थ सिद्धि इंद्र बुधादित्य का योग हो,
इस योग में ग्रह राशियों का सार्थक संयोग हो,
गाय के दूध, देसी घी से बस माता का भोग हो,
सुख शांति और सकारात्मक ऊर्जा का सहयोग हो।
ॐ देवी शैलपुत्र्ये नमः मंत्रो का जाप हो,
या देवी सर्वभूतेषु मंत्रो का आगाज हो,
पर्वत राज हिमालय की कन्या का सजा दरबार हो,
शैलपुत्री माता का भक्तों पर सदा आशीर्वाद हो।