आज अवध का भाग्य जगा है।
ये दिन आने में कई जन्म लगा है।
ये जो आने वाला कल है।
पिछले जन्म के पुण्य का फल है।।

चल कर स्वयं ही धाम आ रहें हैं।
राम आ रहें मेरे राम आ रहें हैं।।

अब सबरी की प्रतीक्षा टूटेगी।
हर श्राप से अब अहिल्या छूटेगी।
अब सुग्रीव की ना रूमा लूटेगी।
अब विश्वामित्र की ना यज्ञ टूटेगी।

स्वयं अपने धाम आ रहें हैं।
राम आ रहें मेरे राम आ रहें हैं।।

अब खुशहाली का सूरज उगेगा।
अब दुःख की हर बदली छटेगी।
होगा नाम सुबह शाम।
जय श्री राम जय श्री राम।।

अब अच्छे सुबह ओ शाम आ रहें हैं।
राम आ रहे मेरे राम आ रहे हैं।।

अब फिर मर्यादा पुरुषोत्तम नजर आएंगे।
फिर प्यार से उनको भोग लगाएंगे।
होगा सूरज सांच सवेरे।
आयेंगे जब प्रभु रघुनंदन मेरे।।

अयोध्या और श्याम को सजा रहे हैं।
राम आ रहे मेरे राम आ रहे है।।

हर जगह होगा प्यार।
राम के आगमन पर मनायेंगे त्यौहार।
सज धज कर सावरे संग प्रीत लगाएंगे।
रघुनंदन स्वयं साथ दिवाली मनायेंगे।।

सारी सृष्टि से भगवान आ रहे है।
राम आ रहे मेरे राम आ रहे हैं।

आयेंगे साथ हनुमान,जब आयेंगे राम।
सीता होगी साथ,मायके से भी आयेंगे भात ।।
नज़र भी उतारेंगे।
प्रभु हम तो सब कुछ उन पर बारेंगे।।

चल कर स्वयं ही धाम आ रहें हैं।
राम आ रहें मेरे राम आ रहें हैं।।

उनके आगमन पर दीप जलाएंगे।
राम मंदिर को पुष्पों से सजाएंगे।
संग प्यारी प्यारी राधिके प्यारे श्याम आयेंगे।
श्री राम आयेंगे राम आयेंगे।।

हर पथ हर रथ सजाए जा रहे है।
राम आ रहे मेरे राम आ रहे हैं।।

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