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रचा कर मेहंदी हांथों में,
मैं तो सोलह श्रंगार करूं,
पल पल निखरे प्रीत हमारी,
बस यही पुकार करूं,
खन के चूडी, कंगन बोले,
खुशियां अब अंगना बोले,
अमर रहे सौभाग्य हमारा,
पतझड़ को भी बसंत करूं,
गालों की सुर्खी में,
तेरे प्यार का रंग घुला हो ऐसा,
संवरू तेरे नयनो में,
सपनों सा सुन्दर घर बार करूं,
साथ तुम्हारा मिले जन्मों तक,
अमर मेरा सुहाग रहे,
माथे की बिंदी,मांग सिंदूर,
रोज तुझे उपहार करूं,
मेरा काजल, मेरा गजरा संवरे,
बस तेरे ही नाम से,
मधुर मिलन की प्रीत लिए,
साजन तेरा दीदार करूं,
रूनझुन बजती पायलिया,
कहती सुनो ओ मेरे पिया,
भर कर तुझको बाहों में,
जी भर तुझको प्यार करूं,
लाल चुनरिया ओढ़,
बनी सुहागन मैं तेरी,
नयी उम्मीदें राह निहारें,
खुशियों का संसार करूं||