सूर्य की जो ऊर्जा मे कैसा हैं ये ताप
बोलूँ या बोल दूँ की समझाइए आप।
कह दो या बोल दो तो सुनिए जनाब
मरुदांतर मे अखिल प्रताप।
कैसा ये सन्नाटा है ,परम मराठा है
हॉट ,बाट नगर, चौबाट , ठाठ - ठाठ है।
विजय श्री सर्व शिवराज राज राजे के
शक्तिशाली गौरव इतिहास महाराष्ट्र के।
ओ! बर्खा तुम प्यास बुझाओ
घन.. घन ..घोर धरा पे तुम आओ।
अपने लहू से जैसे सींचा इस माटी को
हरे - हरे, भरे - भरे कैसा ये श्रृंगार करें
वन उपवन मे, परचम जो लहराओ।
राजवाड़ा की भूमि सजग है
कई कई भूमि जो थलग - थलग है।
रक्त से सींचा उन वीरों ने
कहे! राजस्थानी हम सबसे अलग हैं।
आसन है ,स्वर्ण सिंहासन है ,भव्य प्रशासन है
वीर श्रेष्ठ ,आंध्र भोज, कृष्ण देवराय है।
तुलव वंश में देव जैसा अंश हैं
परम नरेश जैसे देवों में देवेश हैं
पालन में प्रजापालक सबके सहाय है।