Photo by Andrew Neel on Unsplash
मुंबई की रात अब पूरी तरह शांत हो चुकी थी। मरीन ड्राइव की लहरें चाँदनी में नाच रही थीं, और शहर की रोशनी दूर-दूर तक फैली हुई थी। लेकिन नैना शर्मा के दिल में एक तूफान उठ रहा था, जो समंदर की शांति को चीर रहा था। अर्जुन मेहरा का हाथ उसके हाथ में था, पर उसकी निगाहें कहीं दूर अंधेरे में खोई हुई थीं। नीलमणि का हीरा उनके पास सुरक्षित था, लेकिन माया की आखिरी चेतावनी—“विक्रांत तुम्हें कभी नहीं छोड़ेगा”—नैना के दिमाग में गूँज रही थी।
अर्जुन ने उसकी ओर देखा, “नैना, तुम चुप क्यों हो? तुम्हें कुछ कहना है?” उसकी आवाज़ में चिंता थी, जैसे वह उसके दिल की बेचैनी समझ रहा हो।
नैना ने गहरी साँस ली, “मुझे लगता है, ये खतरा अभी खत्म नहीं हुआ। ये खेल अभी बाकी है।”
तभी, उसकी जेब में रखा फोन वाइब्रेट हुआ। स्क्रीन पर एक अनजान नंबर से मैसेज था:
“नीलमणि तुम्हारा नहीं है। खेल अभी बाकी है।”
नैना के दिल की धड़कन तेज़ हो गई। कौन था ये मैसेज भेजने वाला? क्या शैडो सर्कल की साजिश अभी भी जीवित है? क्या माया और विक्रांत के अलावा भी कोई बड़ा खतरा छिपा है?
नैना और अर्जुन तुरंत सतर्क हो गए। मैसेज में एक पता था—बांद्रा में एक पुराना क्लब। बाहर बारिश की बूंदें गिर रही थीं, मानो प्रकृति भी इस खेल में शामिल हो। नैना ने अपनी मोटरसाइकिल स्टार्ट की, अर्जुन उसके पीछे बैठा था।
“तुम्हें लगता है ये माया की चाल है?” अर्जुन ने पूछा, उसकी आवाज़ बारिश की आवाज़ में डूब रही थी।
नैना ने जवाब दिया, “माया या कोई और, हमें सच जानना होगा।”
क्लब के बाहर पहुँचते ही, उन्हें एक अजीब सा सन्नाटा मिला। अंदर की मद्धम रोशनी में एक रहस्यमयी शख्स खड़ा था। उसकी आँखें ठंडी थीं, और उसके हाथ में एक चमकता हुआ चाकू था।
“मुझे नीलमणि दो,” उसने कहा।
नैना ने अपनी बंदूक तानी, लेकिन अर्जुन ने उसे इशारा किया कि रुक जाए।
“हम बात कर सकते हैं,” अर्जुन ने कहा, उसकी आवाज़ शांत लेकिन दृढ़ थी।
उस शख्स ने हँसते हुए कहा, “मेरा नाम रवि है, और मैं शैडो सर्कल का हिस्सा नहीं हूँ। लेकिन नीलमणि मेरे बॉस का है।”
रवि ने एक तस्वीर दिखाई, जिसमें माया और विक्रांत एक अज्ञात शख्स के साथ थे।
“ये मेरा बॉस है, और वह नीलमणि वापस चाहता है।”
नैना का दिल धड़कने लगा। क्या माया और विक्रांत सिर्फ़ मोहरे थे? तभी, क्लब के बाहर से गोलियों की आवाज़ आई। नैना और अर्जुन ने फुर्ती से छिपने की जगह ढूँढी।
नैना और अर्जुन क्लब के पिछले दरवाजे से भागे, बारिश में भीगते हुए। गोलियाँ उनके पीछे दौड़ रही थीं।
“हमें नीलमणि की तकनीक को समझना होगा,” नैना ने कहा, उसकी साँसें तेज थीं।
अर्जुन ने उसका हाथ पकड़ा, “पहले हमें ज़िंदा रहना होगा।”
दोनों एक तंग गली में छिप गए, जहाँ बारिश की बूँदें उनके चेहरों पर गिर रही थीं।
अर्जुन ने नैना की ओर देखा, “तुम डर रही हो?”
नैना ने मुस्कुराते हुए कहा, “जब तुम मेरे साथ हो, डर का सवाल ही नहीं।” उसकी बात में एक हल्की सी शरारत थी, जो अर्जुन को हँसा गई।
लेकिन तभी, एक काली कार उनके सामने रुकी।
क्या यह रवि की कार है, या कोई नया खतरा?
गली में सन्नाटा था, सिर्फ़ बारिश की आवाज़ गूँज रही थी। नैना और अर्जुन एक पुराने मकान की छतरी के नीचे छिपे थे, उनके कपड़े भीग चुके थे। अर्जुन ने नैना की ओर देखा, उसकी आँखों में एक गहरी चमक थी।
“नैना, ये खतरा हमें और करीब ला रहा है,” उसने कहा, उसकी आवाज़ में एक कोमलता थी, जो नैना के दिल को पिघला रही थी।
उसने धीरे से नैना का चेहरा अपने हाथों में लिया, उसके गीले बालों को पीछे किया, और उसके होंठों को चूमा। उस चुंबन में एक ऐसी तड़प थी, जो नैना के पूरे वजूद को गर्माहट से भर रही थी।
नैना ने अपनी आँखें बंद कर लीं, और उस पल में वह अपने डर, अपने मिशन, और अपनी दुनिया को भूल गई। वह उसकी बाहों में लिपट गई, और बारिश की बूँदें उनकी गर्माहट को और बढ़ा रही थीं।
“अर्जुन, मैं तुम्हें खोना नहीं चाहती,” नैना ने फुसफुसाया, उसकी आवाज़ में एक नाजुक डर था।
अर्जुन ने उसे और कसकर गले लगाया, “मैं तुम्हें कभी नहीं छोडूंगा, नैना। ये बारिश, ये खतरा, सब कुछ हमें और करीब ला रहा है।”
उसकी साँसें नैना के कानों को छू रही थीं, और उस पल में, दोनों ने एक-दूसरे को इतनी गहराई से महसूस किया, जैसे वे सिर्फ़ एक-दूसरे के लिए बने हों।
काली कार से माया उतरी, उसकी आँखों में एक ठंडी मुस्कान थी।
“तुम दोनों सचमुच जिद्दी हो,” उसने कहा।
“नीलमणि मेरे बॉस को चाहिए, और मैं उसे लेकर ही जाऊँगी।”
नैना ने अपनी बंदूक तानी, “तुमने हमें धोखा दिया, माया। अब और नहीं।”
लेकिन माया ने हँसते हुए एक डिवाइस दिखाई, जो नीलमणि की तकनीक को सक्रिय कर सकती थी।
“ये सिर्फ़ एक हीरा नहीं, बल्कि एक हथियार है,” उसने कहा।
अर्जुन ने नैना को इशारा किया, और दोनों ने माया पर हमला कर दिया। एक तीखी लड़ाई के बाद, माया भाग निकली, लेकिन डिवाइस नैना के हाथ में थी।
नैना और अर्जुन एक सुरक्षित ठिकाने पर पहुँचे, जहाँ उन्होंने डिवाइस का अध्ययन शुरू किया। डिवाइस में एक कोड था, जो एक गुप्त लैब का पता देता था, जो मुंबई के बाहरी इलाके में था।
“ये नीलमणि कोई साधारण हीरा नहीं,” अर्जुन ने कहा, “इसमें एक ऐसी तकनीक छिपी है, जो सैटेलाइट्स को नियंत्रित कर सकती है।”
नैना का दिल धड़कने लगा।
“अगर ये गलत हाथों में गया तो?” उसने पूछा।
अर्जुन ने उसकी ओर देखा, “हम इसे रोकेंगे, नैना।”
उसकी बात में एक दृढ़ता थी, जो नैना को हिम्मत दे रही थी।
लेकिन तभी, उनके ठिकाने के बाहर एक विस्फोट हुआ।
क्या शैडो सर्कल ने उन्हें ढूँढ लिया? क्या वे लैब तक पहुँच पाएँगे?
विस्फोट से बचते हुए, नैना और अर्जुन लैब की ओर बढ़े। लैब एक पुराने कारखाने में छिपी थी, जहाँ मशीनों की गूँज और बारिश की आवाज़ एक अजीब सा माहौल बना रही थी। अंदर, उन्हें एक वैज्ञानिक मिला, डॉ. अखिल, जो नीलमणि की तकनीक पर काम कर रहा था।
“तुम्हें यहाँ नहीं होना चाहिए,” उसने चेतावनी दी।
लेकिन नैना ने उससे जवाब माँगा।
अखिल ने बताया कि नीलमणि एक ऊर्जा स्रोत है, जो सैटेलाइट्स को हथियार में बदल सकता है।
लेकिन तभी, लैब में अलार्म बजा, और विक्रांत अपने गुर्गों के साथ वहाँ पहुँच गया।
लैब में एक भयंकर लड़ाई छिड़ गई। नैना और अर्जुन ने विक्रांत के गुर्गों का सामना किया, लेकिन डॉ. अखिल गायब हो गया।
“वह डिवाइस ले गया!” नैना ने चिल्लाया।
अर्जुन ने उसका हाथ पकड़ा, “हम उसे ढूँढ लेंगे।”
लेकिन तभी, विक्रांत ने अर्जुन पर हमला किया।
नैना ने फुर्ती से विक्रांत को पछाड़ दिया, लेकिन उसकी आँखों में डर था।
“अर्जुन, तुम्हें कुछ नहीं हो सकता,” उसने कहा, उसकी आवाज़ काँप रही थी।
अर्जुन ने मुस्कुराते हुए कहा, “तुम मेरे लिए लड़ रही हो, मुझे कुछ नहीं होगा।”
उसकी बात ने नैना को और हिम्मत दी।
लड़ाई के बाद, नैना और अर्जुन एक सुनसान छत पर रुके, जहाँ बारिश फिर से शुरू हो गई थी। दोनों के कपड़े भीग चुके थे, और नैना की साँसें तेज थीं।
अर्जुन ने उसे अपनी बाहों में खींच लिया, “नैना, तुम मेरे लिए सब कुछ हो।”
उसकी आवाज़ में एक ऐसी तड़प थी, जो नैना के दिल को छू गई।
उसने धीरे से नैना के गीले बालों को पीछे किया और उसके माथे को चूमा।
नैना ने उसकी छाती पर सिर टिका दिया, “अर्जुन, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं किसी को इतना चाहूँगी।”
उसकी आँखों में आँसू थे, लेकिन वे प्यार की गर्माहट में डूबे थे।
अर्जुन ने उसे और कसकर गले लगाया, और बारिश की बूँदें उनकी गर्माहट को और बढ़ा रही थीं।
“मैं वादा करता हूँ, नैना, मैं तुम्हें कभी नहीं खोने दूँगा,” उसने कहा, और धीरे से उसके होंठों को चूमा।
यह चुंबन एक वादा था, एक सौगंध थी, जो उनके प्यार को अमर बना रहा था।
नैना ने उसकी आँखों में देखा, “अर्जुन, तुम मेरी ताकत हो।”
उस पल में, बारिश, खतरा, और मिशन सब गायब हो गए।
नैना और अर्जुन ने डॉ. अखिल का पीछा शुरू किया, जो एक पुराने जहाज़ की ओर भागा था। जहाज़ पर पहुँचते ही, उन्हें पता चला कि अखिल शैडो सर्कल का असली मास्टरमाइंड था।
“तुम दोनों बहुत देर कर चुके हो,” उसने हँसते हुए कहा।
अखिल ने डिवाइस को सक्रिय करने की कोशिश की, लेकिन नैना ने फुर्ती से उस पर हमला किया।
अर्जुन ने नैना की मदद की, और एक तीखी लड़ाई में अखिल को पकड़ लिया गया।
लेकिन डिवाइस गायब थी।
“माया के पास है,” अखिल ने हँसते हुए कहा।
नैना और अर्जुन ने माया का पीछा शुरू किया, जो एक पुराने गोदाम में छिपी थी। वहाँ, माया ने डिवाइस को सक्रिय करने की कोशिश की।
“तुम दोनों हार चुके हो,” उसने कहा।
लेकिन नैना ने अपनी बंदूक तानी, “ये खेल अभी खत्म नहीं हुआ।”
एक भयंकर टकराव में, नैना और अर्जुन ने माया को पकड़ लिया, और डिवाइस को निष्क्रिय कर दिया।
लेकिन माया ने एक आखिरी रहस्य खोला, “शैडो सर्कल कभी खत्म नहीं होगा।”
डॉ. अखिल और माया को पुलिस के हवाले करने के बाद, नैना और अर्जुन फिर से मरीन ड्राइव पर लौटे। समंदर की लहरें शांत थीं, और आसमान साफ था।
नैना ने अर्जुन की ओर देखा, “क्या अब हम सुरक्षित हैं?”
अर्जुन ने उसका हाथ थामा, “जब तक हम साथ हैं, कोई खतरा हमें नहीं छू सकता।”
दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया, और समंदर की लहरें उनके प्यार की गवाही दे रही थीं।
लेकिन नैना के दिमाग में एक सवाल था—क्या शैडो सर्कल का कोई और चेहरा अभी भी छिपा है?
मुंबई की इस रात ने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्यार और साहस मिलकर हर खतरे को मात दे सकते हैं। नैना और अर्जुन की कहानी सिर्फ़ एक मिशन नहीं, बल्कि एक ऐसे बंधन की कहानी है जो हर तूफान में मजबूत होता है।
शैडो सर्कल का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ, लेकिन उनके बीच जो प्यार और विश्वास है, वह किसी भी अंधेरे को चीर सकता है।
क्या आप चाहें...
आपके सुझाव का इंतजार रहेगा!