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“गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं, हे अर्जुन! व्यक्ति जो चाहे वो बन व निर्मित कर सकता है यदि वह विश्वास के साथ अपनी इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे।”

आज के युग में मानव द्वारा किए जाने वाले निरंतर विकास को देखकर हम कह सकते हैं कि गीता में कहा गया श्रीकृष्ण का यह कथन बिल्कुल सत्य है।
पुराने समय से ही मनुष्य ने जिन-जिन चीजों की कल्पना की अपने गहन परिश्रम और सुझबुझ से लगभग सभी चीजों को निरंतर हासिल करता चला आ रहा है।
एक समय था कि मनुष्य कल्पना करता था कि वह विश्राम करे और मशीनें उसके काम करे। अचंभे की बात है कि आज सच में ऐसा ही हो रहा है। 
मनुष्य की वैज्ञानिक क्षेत्र की उपल्बधियाँ तेजी से बढ़ती चली जा रहीं है।
आधुनिक युग में एआई(AI) यानि की कृत्रिम सुझबुझ इसका एक नया और प्रमुख उदाहरण है। आज लगभग सभी बड़े- बड़े प्रमुख क्षेत्रों में हम एआई(AI) का उपयोग देख सकते हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) AI अधुनिक युग की वह उच्च व शक्तिशाली तकनीक है जिससे मशीनें मानव की ही तरह सीखने, सोचने, निर्णय लेने और गतिविधियों को करने में सक्षम होते हैं। एआई(AI) के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में मशीनों का उपयोग मानव अनुभूति की नकल की तरह किया जा रहा है।
AI के जनक जॉन मैकार्थी हैं।
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) कंप्यूटर विज्ञान की ही एक शाखा है जो मशीनों को मानव जैसी सोचने-समझने की क्षमता देती है। 
AI की मदद से, कंप्यूटर या रोबोटिक सिस्टम बनाए जाते हैं। इन मशीनों को उन्हीं तर्कों के आधार पर काम करने के लिए प्रोग्राम किया जाता है जिनके आधार पर इंसान काम करता है।
AI-संचालित उपकरण मनुष्यों की तुलना में कार्यों को अधिक तेज़ी से और अधिक सटीकता से पूरा कर सकते हैं, जिससे उन्हें पूरा करने के लिए आवश्यक समय और प्रयास कम हो जाते हैं।
AI का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह 24/7 उपलब्धता वाला है ।
इंसानों से अलग, AI-संचालित सिस्टम बिना थके या ब्रेक लिए चौबीसों घंटे काम कर सकते हैं। 
इसके साथ ही AI दोहराए जाने वाले कार्यों को स्वचालित करके और डेटा का विश्लेषण करके दक्षता और सटीकता में सुधार कर सकता है।
AI की अन्य खासियतें यह है कि यह बहुत 
बड़ी मात्रा में डेटा को अवशोषित कर सकता है।
AI भाषण को पहचान सकता है।
यह पैटर्न और रुझानों को पहचान सकता है । 
यह समस्याओं को हल कर सकता है ।
यह भविष्य की घटनाओं की भविष्यवाणी कर सकता है। 
यह मानव की तरह ही सीखने, तर्क करने, निर्णय लेने, वस्तु वर्गीकरण और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण और डेटा पुनःप्राप्ति जैसी कई क्षमताओं वाला होता है।
Al नई खोजों और समाधानों को सक्षम बनाता है।
यह मानवीय त्रुटियों को कम करता है और जटिल समस्याओं को हल करने में मदद करता है।
आज के समय में AI का इस्तेमाल: 
स्मार्टफ़ोन में,
कारों में,
सोशल मीडिया फ़ीड में,
शिक्षा के क्षेत्र में,
स्वास्थ्य सेवा में,
वीडियो गेम्स में,
बैंकिंग सेवाओं में,
वित्त से लेकर मनोरंजन आदि रोज़मर्रा की ज़िंदगी के अलग-अलग क्षेत्रों में AI(एआई) का उपयोग किया जा रहा है। 
ग्राहक सेवा में; AI चैटबॉट और अन्य AI-संचालित उपकरण ग्राहकों को 24/7 सहायता प्रदान कर सकते हैं। 
उत्पादकता में वृद्धि; AI व्यवसायों को अपने संचालन को स्वचालित करने और अपनी उत्पादकता बढ़ाने में मदद कर सकता है।
भविष्य बतानेवाला विश्लेषक;
AI विशाल मात्रा में शीघ्रता से डेटा का आंकलन कर सकता है और उस डेटा का उपयोग पूर्वानुमान लगाने के लिए कर सकता है। AI की यह यह क्षमता वित्त सहित विभिन्न उद्योगों में उपयोगी हो सकती है। 
AI का एक और फ़ायदा लागत में कमी है। कार्यों को स्वचालित करके और मानव श्रम की आवश्यकता को कम करके, कंपनियाँ लागत में काफ़ी कटौती कर सकती हैं। उदाहरण के लिए, AI-संचालित मशीनें विनिर्माण संयंत्रों में मानव श्रमिकों की जगह ले सकती हैं, जिससे श्रम लागत कम हो सकती है और उत्पादन की गति में सुधार हो सकता है।
इसके साथ ही AI के विकास और कार्यान्वयन से नई नौकरियां भी पैदा हो सकती हैं, जैसे कि AI विशेषज्ञ, डेटा वैज्ञानिक और AI सिस्टम के रखरखाव के लिए कर्मचारी।
यह कहा जा सकता है कि AI(एआई) ने पेशेवर दुनिया में मानव जीवन को बहुत आसान बना दिया है।
लेकिन जिस प्रकार विशाल समुद्र मंथन से विष स्वयं ही प्रकट हो गया था उसी प्रकार मनुष्य के अविष्कार उसके खुद के लिए ही नुकसानदेही व अभिशापी भी बनते जा रहे हैं। 
AI के क्षेत्र में भी हम उपल्बधियों के साथ-साथ दुष्प्रभाव भी साफ़-साफ़ देख सकते हैं।
AI को लागू करना महंगा और जटिल हो सकता है, जिसके लिए हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण निवेश की आवश्यकता होती है। AI सिस्टम को बनाए रखना और अपडेट करना भी महंगा और समय लेने वाला हो सकता है।
नैतिक चिंताएं; AI के नैतिक उपयोग में चिंताएं हैं, जैसे कि डेटा गोपनीयता, पक्षपातपूर्ण एल्गोरिदम और AI का उपयोग हथियारों के निर्माण में।
गलत जानकारी; AI का उपयोग गलत जानकारी या दुष्प्रचार फैलाने के लिए किया जा सकता है।  
पक्षपातपूर्ण एल्गोरिदम; AI एल्गोरिदम उतने ही अच्छे होते हैं, जितने अच्छे डेटा पर उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है। यदि डेटा पक्षपाती या अधूरा है, तो परिणामी AI (एआई) सिस्टम भी पक्षपाती हो सकता है।
सुरक्षा जोखिम; AI सिस्टम को हैक किया जा सकता है या उनका दुरुपयोग किया जा सकता है, जिससे डेटा ब्रीच और अन्य सुरक्षा जोखिम हो सकते हैं। 
मानव आलस्य; कार्यों को स्वचालित करने से मानव आलस्य बढ़ सकता है, क्योंकि लोग उन कार्यों को करने के लिए कम प्रेरित हो सकते हैं जिन्हें AI कर सकता है।
असंतुलित विकास; AI का विकास और कार्यान्वयन असमान हो सकता है, जिससे कुछ देशों या समूहों को अन्य देशों या समूहों की तुलना में अधिक लाभ हो सकता है। 
प्रौद्योगिकी पर निर्भरता; AI पर अत्यधिक निर्भरता से बुनियादी कौशल का नुकसान हो सकता है और सिस्टम विफलताओं की संभावना बढ़ सकती है।
Al से नौकरी का नुकसान; AI के स्वचालित होने से कुछ नौकरियों का नुकसान हो सकता है, जिससे बेरोजगारी बढ़ सकती है। 
मानवीय संपर्क का अभाव; AI में मानवीय स्पर्श की कमी है, जिससे कुछ लोगों के लिए इसे स्वीकार करना मुश्किल हो सकता है। यह तकनीक मानवीय भावनाओं और संचार की नकल नहीं कर सकती जो कि स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसे कुछ उद्योगों में महत्वपूर्ण होता है। 
जैसे-जैसे हम AI पर अधिक निर्भर होते जा रहे हैं, हम सामान्य रूप से तकनीक पर भी अधिक निर्भर हो सकते हैं। यह निर्भरता ऐसी स्थिति पैदा कर सकती है जहाँ हम तकनीक के बिना काम करने में असमर्थ हो जाते हैं, जिससे सिस्टम विफलता की स्थिति में समस्याएँ पैदा हो सकती हैं।
यद्यपि एआई में दुनिया को बेहतर बनाने की शक्ति है, लेकिन इसमें यह सभी नैतिक चिंताएं भी हैं,
AI के इन सभी प्रभाव, दुष्प्रभाव व चिंताओं को जानकर हम कह सकते हैं कि मनुष्य का हित इसी में है कि वह निरंतर विकास तो करे लेकिन पूरी तरह से अपने अविष्कारों पर आश्रित हो कर अपने बहुमुल्य जीवन को श्रति न पहुंचाएं। 
AI (एआई) का भविष्य भी तभी उज्ज्वल है जब मनुष्य यह जान लें कि इसका उपयोग समाज के लाभ के लिए कैसे किया जाए। 
मनुष्य को चाहिए कि वह अपने अविष्कारों का सही उपयोग कर अपने व अन्य
प्राणियों और प्रकृति का कल्याण करे।

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