Image by Stefan Keller from Pixabay
उसका एक ख्वाब था, जिसके लिए लोगों में वो बेशुमार था,
ख्वाब उसका एक फजाना था,उसका अपना अलग ही अफसाना था।।
वो मेरा दीवाना था, उस दिन मौसम बड़ा सुहाना था,
रिमझिम सी बारिश थी, उन बूँदों को मानों हमें ही भिगाना था ।।
वो शाम यूँ हुई, चमकते तारों सी वो छुईमुई ।
वो बोली एक दिन तारा उसको बन जाना हैं,
आसमान में सितारा सा जगमगाना है।
मुझे उसे कुछ समझाना था, मेरी ज़िंदगी में उसकी अहमियत बताना था ।
मैंने कुछ यूं कहा...
तू लडकी नहीं तू तो चांद है, मेरे लिए खुदा का भेजा फरमान है,
और जो तुम्हें चांद के सबसे नजदीक तारा नजर आता है, वो तुम्हारा ये नाचीज इंसान है।।
उसका एक ख्वाब था, जिसके लिए लोगों में वो बेशुमार था ।।