हे दुनियां के पालनहार!!
कैसी है ये मानव की हार।।
कर तू इसका संहार।।
ताकि बच सके तेरा ये संसार।।
हे ईश्वर! हे मेरे पालनहार!!!
दिखा अपनी दिव्य दृष्टि।
ताकि बची रहे ये सृष्टि।।
कुछ तो कर विचार।।
जिससे दूर हो ये कोरोना रूपी विकार।।
हे दुनियां के पालनहार!!
लाशों का है मंजर कैसा,
लहरों से है ढका समंदर जैसा ।।
उड़ रहीं है लपटे ऐसे शमशानो में,
जैसे थोक के भाव होते हैं बाजारों में।।
इस विपत्ति ने आज फिर एक बात दिखाई है।
आज फिर मैने जिंदगी महंगी और दौलत सस्ती पाई है।।
हे प्रभु, हे दुनियां के पालनहार।।
बचा लो अपना जगत।।
बचा लो अपना जहान।।
हे प्रभु, हे दुनियां के पालनहार।।
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