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न हिन्दू हूँ, न मुसलमान हूँ, में बस तेरा ईमान हूँ,
नजर भर के देख ले, में अब तलक मेहरबान हूँ ।।

एक नजर यह सफर देख लो, जीता हिंदुस्तान हूँ।।

संभाले डोर जीवन की, गिरके संभलता इंसान हूँ,
बियावान दिल बाग़ अकेला, दमकता रेगिस्तान हूँ।।

एक नजर यह सफर देख लो, जीता हिंदुस्तान हूँ।।

देख नजर भर आज मुझे तू, तटस्थ खड़ी चट्टान हूँ,
न हिन्दू न मुसलमान हूँ, पथ प्रेम खड़ा मेहमान हूँ ।।

एक नजर यह सफर देख लो, जीता हिंदुस्तान हूँ।।

बीच युद्ध के समरभूमि संग, में अड़ा हुआ ईमान हूँ,
इतिहास समेटे बाहों में, सच को जीता हिंदुस्तान हूँ।।

एक नजर यह सफर देख लो, जीता हिंदुस्तान हूँ।।

नहीं रहा मोहताज किसी का, माटी अमर निशान हूँ,
जग की हूँ आवाज सदा से, भूलोक सदा में शान हूँ
|

एक नजर यह सफर देख लो, जीता हिंदुस्तान हूँ ।।

डिगा न पग हूँ धर्मयुद्ध में, हर धर्मध्वजा अभिमान हूँ,
चिरकाल धन्य भारत भूमि, विश्व बंधु में हिंदुस्तान हूँ |

एक नजर यह सफर देख लो, जीता हिंदुस्तान हूँ।।

अंक भरी हर धर्म जाति से, में स्वयं एक ही ग्राम हूँ,
न हिन्दू, न मुसलमान हूँ, समता से सजा में धाम हूँ।।

एक नजर यह सफर देख लो, जीता हिंदुस्तान हूँ,
खड़ा सदा चट्टान समर, प्राच्य अटल में हिंदुस्तान हूं।।

बाहों सब विश्व समेटे, धरा में हिंदुस्तान हूँ,
में जीता हिंदुस्तान हूँ।।

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