कर्म कर, तू बस तेरा कर्म कर,
उसी पर बस अधिकार है,
फल की अभिलाषा छोड़ ,
तू बस अपना कर्म करता चल,
अर्जुन की तरह कृष्ण खुद तुझे रास्ता दिखाएंगे,
छोड़ ये जिज्ञासाओं के मोड़,
रिश्तों की मजबूरियों को तोड़,
कर्म कर,तू बस अपना कर्म कर..
उसी पर बस अधिकार है,
तू उसी का प्रत्यन कर ||