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आज का दिन है बड़ा ख़ास, मेरे राम आए हैं।
काट के निज वनवास, मेरे राम आए हैं।।
मन का दीप जलाओ।
अंधियारा दूर भगाओ।।
सत्य की नाव चलाओ।
भव पार कर जाओ।।
दिल में है बड़ा उल्लास,
मेरे राम आए हैं।
काट के निज वनवास,
मेरे राम आए हैं।।
जग बैरी ना श्री राम।
बैरी ये तुम्हारे काम।।
जीवन रण संग्राम।
भज लो राम राम।।
बड़ा पावन ये अहसास,
मेरे राम आए हैं।
काट के निज वनवास,
मेरे राम आए हैं।।
धन्य है वो नगरी।
रहे जहाँ पे शबरी।।
झुठी माया पसरी।
काट माया रसड़ी।।
रह जाए ना फिर काश,
मेरे राम आए हैं।
काट के निज वनवास,
मेरे राम आए हैं।।
ये धरा ये गगन।
प्यासे ये दो नयन।।
वन और उपवन।
और ये तन मन।।
सब में है राम का वास,
मेरे राम आए हैं।
काट के निज वनवास,
मेरे राम आए हैं।।
आज का दिन है बड़ा ख़ास,
मेरे राम आए हैं।
काट के निज वनवास,
मेरे राम आए हैं।।