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जो लोग मानते है नारी को अंधकार|
सुन लो नारी से ही चलता है संसार||

जिनको लगता है नारी ना कुछ कर पाती है|
तो जान लो वो तुम जैसों का वजन नौ महीने अपनी कोख में उठाती है|
सारी हड्डियाँ टूटने से भी ज्यादा दर्द सह वो तुम्हें दुनिया में लाती है|
जान हथेली पर रख तुम्हें दुनिया दिखाती है||

क्या कर्ज तुम कभी उसका उतार पाओगे|
थू है तुम जो ऐसी सोच रखते हो|
तुम तो उसके सामने एक पल भी ना टिक पाओगे||

ब्रह्मवादिनी वेदज्ञ ऋषि मैत्रेयी ने जो बताया था|
उससे ना कोई सीख ली तुमने, ना तुम्हें कोई ज्ञान आया था|
पर मत भूलो सावित्रीबाई फुले ने ही इस दुनिया में ज्ञान का झंडा फैलाया था|
मत भूलो एक नारी की रक्षा के लिए महाभारत मे स्वयं श्री कृष्ण ने आंचल फैला उसकी इज्जत को बचाया था||

पर कहाँ तुम्हें ये सब बातें नजर आती है|
तुम जैसों को तो वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की तलवार समझ आती है|
जो सामने से तुम जैसों के छक्के छुड़ाती है||

अनुच्छेद 14 के तहत भारत का संविधान भी नारी को समान अधिकार दिलाता है|
अनुच्छेद 15 (1) के तहत राज्य द्वारा कोई भेदभाव नहीं करने का विश्वास कराता है|

ना तुम कभी उसे परखने की गलती करना|
अन्यथा तुमको ही भुगतान पड़ेगा भरना||

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