प्रकृति से मिलता वायु, जल, थल।
प्रकृति में निहित है जीवन का हल।
कल-कल करती, नदियाँ हैं बहती।
फसल लहराये, देती हमे हैं फल।।
भवरें गुंजन करते हैं उपवन।
चिड़ियों का कलरव हरते मन।
प्रकृति देती सब को प्राण वायु।
जीव-जंगल से अनुपम है वन।।
प्रकृति अस्मिता को लगा ग्रहण।
प्रकृति रक्षा को करो सोच गहन।
वन्य जीव संरक्षण को साथ आयें।
प्रकृति संरक्षण-संवर्धन को करें मनन।।
आधुनिकता के इस दौड़ से बचें।
शहरी व औद्योगिककरण से बचे।
वन संवर्धन हरियाली को अपनाये।
संसाधनों को सहेजे, उन्हें बचायें।।
प्रकृति रक्षा को हम कदम उठाये।
संरक्षण करें और पेड़-पौधे लगाये।
प्रकृति का श्रृंगार करें हम मिलकर।
प्रकृति को सुंदर बनाएं।।