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तू जाग ले, तू जाग ले...
अभी भी वक्त है तेरे हाथ में|
चल दे वक्त के साथ|
वक्त है तेरे साथ में|
तू परिभाषा गढ|
तू परिभाषा बन आधार की..
निकल पड़.. बन जा इतिहास नए धार की|
बहता जा तू नदियों सा|
तू गंगा सा बन बह,
कटते जाए रास्ते बन जल के निर्माण सी||
तू जाग ले, तू जाग ले...
अभी भी वक्त है तेरे हाथ में|
चल दे वक्त के साथ|
वक्त है तेरे साथ में|
पीछे छोड़ हर प्रहार को|
पकड़ नए पहर ए द्वार को|
बना एक मढ़ अपना|
दिखा दे समस्त संसार को||
प्रथम आस्था असर पड़े|
नतमस्तक तमाम खड़े|
माँ बाबुल तेरे नाम पड़े|
सम्मान में आयोजित तेरे लोग खड़े||
तू परिभाषा बन उस समय की|
मांग बन उस अभिभाष्य की|
चेतना बन उस भाग्य की|
बन जा ऋतु तू हर प्रकार की||
मन पर है जो ऋण ना रख|
मोह को अपने त्याग दे|
जीवन मरण का सार संक्षेप|
ना होने देना इनका विक्षेप||
विवरण है तू|
अक्षर ए आसार है|
अध्यात्म है तू|
तू है तो वक्त तेरे साथ है||
उतार इस विराम को|
बाल रूप अभिमान को|
विराम दे विक्रम संवत कल्याण को|
नाम लिख अपना सम्मान को||