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मौत है मंजिल, जिंदगी है रास्ता|
यही है जिंदगी और मौत का वास्ता||

मौत की तलाश में जिंदगी जिए जा रहे हैं|
मौत के लिए कभी खुशी तो कभी गम के घूंट पिए जा रहे हैं|
सजा रहें है जिंदगी को ऐसे|
मौत कभी आएगी ही नहीं जैसे||

पर...
मौत है मंजिल, जिंदगी है रास्ता|
यही है जिंदगी और मौत का दास्ताँ||

रास्ते से वास्ता निभा रहे हैं|
ये रास्ते ही तो जिंदगी जीने का सलीके सीखा रहें हैं|
तो क्यूँ नहीं रास्तो पर तमन्नाओं के दिए जलाते हैं|
इन्हें जगमग कर कुछ यादगार बनाते हैं||

क्योंकि...
मौत है मंजिल, जिंदगी है रास्ता|
यही है जिंदगी और मौत का वास्ता||

अजीब ये अनहोनी है..
मौत जिंदगी की होनी है|
तो क्यूँ बैठ कर मौत का गम मनाते है|
मौत को भी क्यूँ नहीं जिंदगी की तरह सजाते हैं||

क्योंकि...
मौत है मंजिल, जिंदगी है रास्ता|
यही है जिंदगी और मौत का वास्ता ||

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