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जिन्दगी है इसी पल में,जी लीजिए।
फिर मत कहना, जहर है बस पी लीजिए।
सांसे ले जा रहीं हैं मौत के करीब।
फिर ना कहना है क्या कोई तरकीब।।
कब तक की हैं ये बेचैनियाँ ।
कोई न जाने ये अटखेलियां।
सुकून है जहां वो पल है मौजूद।
फिर क्यूं ढूंढते हो जहां तहां।।