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दर्द में रहते हैं हम, मगर खुशदिल होना अलग बात है,
कोई साथ हो ना हो मालिक, तेरा साथ होना अलग बात है।

कराहटों में छुपे, दिल के अरमान लिए हुए,
रातें बीत जाती हैं, दर्द की मिठास लिए हुए।

बेखौफ रहता हूँ, दिल में छुपा रोता हूँ,
कहानी कोई अलग नहीं बस दर्द में छुपा बैठा हूँ।

आँसुओं की बौछार, दिल की गहराईयों से जो निकली,
ख़ामोशी से बयां करता हूँ, दर्द की कहानी जो निकली।

दर्द के साये में, रातें हैं लम्बी और सुनसान,
गुमनाम हूँ, पर अपनी कहानी से नहीं हूँ अनजान।

अल्फाज़ मेरे हैं कम, पर दर्द बेहद गहरा है,
हर शब्द में छुपा, एक नये दर्द का सवेरा है।

नींद की गहराईयां छोड़, रात भर जागा करता हूँ,
दर्द के साथ, हर रात नई कहानी साझा करता हूँ।

ग़ज़ल की आवाज़ में तनवीर, दर्द की ख़बर देता हूँ,
इन शब्दों में छुपा, अपना दुख बयाँ करता हूँ।

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