क्या मांग रहा है ऐसे दिलसे पगले, जो कभी खुदका भी नहीं हुआ था।।
वो क्या तेरे साथ रहेगा,जिसने कभी ख़ुदकभी हात थामा नहीं था किसीका।।
ये दौलत ये शौहरत एक दिन ढल जाएंगी ऐ बंदे,
खुशनुमा शुरूआत अक्सर ,बेवज़ह के रास्ते पे लेकर आती हैं।
ये श्याम सुंदर हैं, तो चुमले तू साग़र की लहरें जो छूकर गयी हो अभी अभी,
क्या पता वोभी नसीब नही होतीं कुछ लोगोंको जीसने
अपना आखरी दम वही लिया होगा।।
कुछ दिल मे पलते हुए, तो कोई कोक में पलते हुए चिरागोंके दिए लेकर,
उसस्ने सबसे अलविदा कह दिया हैं।
वक़्त तू बेवफा निकला पर मेरा मेहबूब वफादार है,देखना इस जनम में उसी लहरों पर फिरसे वो मेरे बाहोंमे सारे खुशियों का दामन भर देगा।
यकीन हो जाएगा उस पल तुज़े भी की, मौत मिटा सकती हैं,
लेक़िन दिलोकी आवारगी गर लहू में बसी हो,
तो क्या तूफान, क्या अगला जन्म,कुछ बेफावफ़ाई की कसमें या जमानेकी रस्में,।
तोड़ कर छोड़कर वो पा ही लेता हे अपने मंजर को,जिसने जो जहापे खोया हो,वो वही सब फिरसे पाने की औकात रखकर जिंदा रह जाता हैं हर जन्म जन्म मिलनकेओ बेताब इस जमानेमें।।।