आजाद भारत में बिहार राज्य के भभुआ विधानसभा के लिए २६ मार्च १९५२ को चुनाव संपन हुआ | बिहार विधान सभा के लिए १९५२ में २७६ निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव हुआ जिनमे १९८ एकल सदस्यीय और ५४ द्विसदसीय सामान्य क्षेत्र और २४ सीटें आरक्षित वर्ग के लिए सुनिश्चित की गयी | इन आकड़ों के बीच विधानसभा संख्या ४२, भभुआ को द्विसदसीय निर्वाचन क्षेत्र के रूप में आवंटित किया गया ,अर्थात उक्त एक क्षेत्र से दो सदस्य विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए | २६ मार्च १९५२ को भभुआ विधानसभा में कुल १ लाख १६ हजार ६९ मतदाता में ९८ हजार २०३ लोगों ने मतदान किया | कुल मिलाकर मतदान का प्रतिशत ८४.६१ रहा | भभुआ विधानसभा के लिए सभी प्रमुख दलों ने अपने अपने दो दो प्रत्याशी खड़े किये थे | 

कांग्रेस ने दो बैलों की जोड़ी चुनाव चिन्ह पर राम नगीना सिंह और दुलाल् चन्द राम को प्रत्याशी बनाया था वहीं आचार्य नरेंद्र देव ,जेपी और लोहिया के नेतृत्व वाली सोसलिस्ट पार्टी ने बरगद के पेड़ चुनाव चिन्ह के साथ बाबू शिवपरीक्षा सिंह और भागवत दुशाद को मैदान में उतारा था | राष्ट्रीय नेता आचार्य जे बी कृपलानी के किसान मजदुर प्रजा पार्टी से झोपडी चुनाव चिन्ह के साथ बालेश्वर प्रसाद सिंह मैदान में डटे थे वही एक प्रमुख पार्टी अखिल भारतीय राम राज्य परिषद ने राधा कृष्ण मिश्र को विधानसभा के लिए भभुआ से टिकट दिया था | 

राम राज्य परिषद का चुनाव चिन्ह उगता हुआ सूर्य था और इसके प्रमुख नेता करपात्री जी महाराज थें ,जिन्होंने १९४८ में इस दल का गठन किया था | उक्त क्षेत्र से तीन निर्दलीय उमीदवार के रूप में गवचरण सिंह , रामकेशी चमार और राम अधार गोंड भी खड़े थे | जब चुनाव परिणाम घोषित हुआ तब भभुआ विधानसभा से कांग्रेस के दोनों उमीदवार विजयी हुए |जहाँ रामनगीना सिंह को २१९१३ मत प्राप्त हुए थे वहीँ उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सोसलिस्ट पार्टी के शिव परीक्षा सिंह को १२०३७ मत मिले | दुसरे विजयी प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस के ही दुलाल चंद राम को १९९७४ तथा निर्दलीय गवचरण सिंह को ११११६ मत मिले |इन सभी के बीच सबसे महत्वपूर्ण बात रही कि जे बी कृपलानी की किसान मजदुर प्रजा पार्टी से करपात्री जी महाराज की राम राज्य परिषद को ज्यादा मत मिले | राम राज्य परिषद के राधा कृष्ण मिश्र को ५९६४ मत मिले वही बालेश्वर सिंह ५२३४ मतो पर सिमट गए | इस प्रकार कांग्रेस ने कुल मतों के २३.३१ और २०.३४ प्रतिशत मत प्राप्त कर आजाद भारत में भभुआ का प्रतिनिधित्व किया |

हालाँकि भभुआ विधान सभा का गठन कोई पहली बार नही हुआ था | १९३५ के अधिनियम के अंतर्गत जनवरी १९३७ में बिहार विधानसभा का चुनाव संपन्न हुआ था और १३ फ़रवरी १९३७ को परिणाम की घोषणा के बाद विधानसभा का चुनाव कांग्रेस ने जीता था | उक्त दौर में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पंडित गुप्तेश्वर पाण्डेय ने १८९०४ मत प्राप्त किया था और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय राय बहादुर शारदा प्रसाद सिंह को मात्र ४६६० मत मिला था |


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