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जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ मैं बपूरा बूडन डरा , रहा किनारे बैठ

यह कहावत अपने आप में एक महामंत्र है, जिसका सीधा सा अर्थ है कि जो लोग कुछ पाने की उम्मीद में विशाल समुद्र की गहराई में उतरते है वह कुछ न कुछ पा लेते है लेकिन जो लोग केवल किनारे पर बैठकर सिर्फ सोचते रहते है उनके हाथ कुछ नहीं लगता । इस कहावत की तरह ही जो लोग जिंदगी के समुन्द्र में भी गहराई तक उतरते है और मंथन करते है वही लोग सही मायने में अपने जीवन में कुछ कर पाते है, नहीं तो ज्यादातर लोग सिर्फ अपनी जिन्दगी से शिकायत ही करते हैं । यही सफलता का मूल मंत्र है ।

जरा सोचिए कि हमें दिल्ली से मुंबई पहुचना है और हम घर से बाहर ही न निकले, फिर भी सोचे की हम मुंबई पहुच जायेगे, क्या यह सोचने मात्र से सम्भव है ? मुंबई पहुंचने के लिए अपने घर से निकलना ही पड़ेगा और मुंबई तक की दूरी तय करनी पड़ेगी और वहां तक पहुचने में जो भी वक्त लगेगा उसे झेलना पड़ेगा तब जाकर हम मुंबई पहुँच सकेंगे ।

कहने का मतलब यह है कि अगर हम अपनी जिंदगी में बहुत कुछ हासिल करना चाहते है तो सबसे पहले जिंदगी को देना सीखना होगा । आज के युग में कुछ पाने के लिए हर चीज की कीमत चुकानी पडती है । सफलता भी अपनी कीमत मांगती है । अगर हम इसे चुका सकते है तब दुनिया की कोई भी ताकत हमें सफल होने से नहीं रोक सकती ।

मौजूदा दौर में हर कोई एक-दूसरे से आगे बढऩे के लिए कोशिश कर रहा है । वहीं कुछ लोग शार्टकट की मदद से आगे बढऩे में भी पीछे नहीं हटते । दरअसल कुछ लोग सफल होने के लिए शार्टकट अपनाते हैं, ऐसी सफलता ज्यादा समय तक नहीं टिकती। इसलिए जीवन में स्थायी सफलता चाहिए तो खुद संघर्ष करके उसे हासिल करना होगा । ऐसी सफलता स्थायी नहीं होती। स्थायी सफलता चाहिए तो शार्टकट कभी भी न अपनाएं ।

  • जीवन का लक्ष्य

अगर जीवन में कुछ भी हासिल करना चाहते हैं, तो उसके लिए शॉर्टकट अपनाना सही चीज नहीं है। उसके लिए पूरी निष्ठा के साथ अथक प्रयास करना होगा और वह भी लगातार और लंबे समय तक। अब अगर उदाहरण के तौर पर आप भूतपूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन के बारे में जानें, तो पता चलेगा कि वह बेहद ही गरीब घर से आये और कहां तक पहुंचे। कहते हैं कि बचपन में उन्होंने अख़बार / मैगजीन बेचकर अपनी पढ़ाई पूरी की। इसरो में डायरेक्टर के तौर पर उन्होंने देश के लिए अतुलनीय योगदान किया। उसके बाद देश के राष्ट्रपति बनकर देश का नाम रोशन किया। अगर कोई भी उनसे मिलता था, तो कलाम साहब का एकमात्र उद्देश्य उसके लिए कुछ अच्छा करना होता था और वह मिलने वाला इंसान चाहे उनका असिस्टेंट हो या चाय पिलाने वाला ऑफिस बॉय या किसी देश का प्रधानमंत्री। उनका लक्ष्य एक ही था और वह इसमें पूरी तरह कामयाब हुए।

  • विश्वास के साथ मेहनत

जीवन में सफलता के लिए सबको सीधा रास्ता ही सोचना चाहिए और छोटी-छोटी असफलताओं की परवाह किये बिना आगे बढ़ने का प्रयास करते रहना चाहिए। आज कोरोना के कारण हम सब किसी न किसी समस्या से ग्रसित हैं। ऐसे में निराश नहीं होना चाहिए और अपने लक्ष्य को पाने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए , तभी हमको सफलता मिलेगी। हम चाहे पढ़ाई कर रहे हों, नौकरी कर रहे हों या अपना कोई काम कर रहे हों, अगर हम पूरे विश्वास के साथ मेहनत करते रहेंगे, तो एक दिन सफलता जरूर मिलेगी।

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  • खुद की योग्यता को पहचानें

अगर जीवन के किसी क्षेत्र में सफल होना है तो उसके लिए योग्यता जरूरी है । सबसे पहले हमें अपनी योग्यता का निर्धारण करना है, उसके बाद यह तय करना है कि आप किस क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं। यदि हम गलत क्षेत्र में कोशिश करेंगे तो वहां सफलता मिलना मुश्किल है और यदि सही क्षेत्र में प्रयास करेंगे तो आप शीघ्र ही सफल हो सकते हैं।

  • शार्टकट से मिली सफलता नहीं होती स्थाई

वर्तमान समय में जहां हर कोई एक-दूसरे से आगे बढऩे की कोशिश में लगा रहता है, वहीं कुछ लोग शार्टकट से आगे बढऩे में भी नहीं कतराते। लेकिन उनकी यह सोच तब गलत साबित होती है जब उनकी सफलता स्थायी नहीं होती और उनकी पोल खुल जाती है। इसलिए यदि स्थायी सफलता चाहिए तो शार्टकट कभी भी न अपनाएं।

  • सफलता मिलने पर अपने कर्तव्य भूले नहीं

कुछ लोग होते हैं जो थोड़ी सफलता मिलने पर ही अपने कर्तव्य भूल जाते हैं। यहीं वे सबसे बड़ी भूल कर देते हैं। उन्हें यह बात पता होनी चाहिए कि सफलता तभी मिली है जब उन्हें अपने कर्तव्यों को सही ढंग से पालन किया हो । सफलता मिलने पर अपने तमाम फ़र्ज़ भूल जाना सफलता से पुन: असफलता की ओर ले जा सकता है। इसलिए सफल होने पर भी अपने फ़र्ज़ पूरी निष्ठा व ईमानदारी से निभाने चाहिए।

मानव बाहर से सभ्य मगर भीतर से बड़ा ही असभ्य प्राणी है। विजेता बनने के लिए वह साम दाम दंड भेद की नीति के तहत शार्टकट का रास्ता अपनाता है मगर सबसे बड़ा सच है कि शार्टकट की राहें तात्कालिक रूप से संतुष्ट करती हैं मगर आगे चल कर उनके खामियाजे भुगतने ही पड़ते हैं। परीक्षा में पास होने के लिए बच्चे कुंजी और गाईड, नोट्स आदि का सहारा लेकर पास हो जाते हैं मगर उपयुक्त ज्ञान की कमी से जीवन में सकारात्मक सफलता नहीं मिल पाती है। हमें प्रयासों में तेजी या कमी में भेद करना सीखना होगा। ऐसे व्यक्ति के लिए जिसकी नाक बंद हो उसके लिए कस्तूरी और गोबर में क्या फर्क हो सकता है ऐसे व्यक्ति जिनकी आँख बंद हो उनके लिए गुलाब या कनेर में क्या फर्क होता है। बस ऐसा ही प्रभाव हो सकता है एक शार्टकट व्यक्तित्व या सुव्यवस्थित अस्तित्व में। हम एक सामान्य आलसी व्यक्ति को तो क्षमा कर सकते हैं लेकिन दुष्ट को कभी भी नहीं।

सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, सफलता पाने के लिए लगातार धैर्य के साथ श्रम और अभ्यास की आवश्यकता होती है। बिना मेहनत और अभ्यास के कोई भी सफलता हासिल नहीं होती । जो व्यक्ति लगातार श्रम करते हुए अभ्यास करता है उसे सफलता जरूर मिलती है और यह सफलता निरंतर बनी रह सकती है । अत: याद रहे कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता ना शॉर्टकट वाली सफलता से कभी कोई सब्र - संतोष मिल पाता है । कुछ पल के लिए जरूर संतुष्टि मिलती है, लेकिन लगातार नहीं। लगातार सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत और अभ्यास करना पड़ता है ।

जो व्यक्ति सच्ची लगन और मेहनत के साथ सही राह पर चलता है, सफलता उसी के कदम चूमती है। शार्टकट छलावा मात्र ही होता है। मंजिल पर शीघ्र पहुँचने की लालसा मैं ज्यादातर लोग धोखा खाते हैं और इस शार्टकट के चक्कर में फँसकर रह जाते हैं और मंजिल उनसे और भी दूर होती जाती है। इसलिए यह अत्यंत ही जरुरी है कि हम किसी भी तरह के शार्टकट के चक्कर में ना पड़ें और, तभी हमारी सफलता सुनिश्चित होगी।

बहुत से लोगों को अपने काम के दौरान बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । अक्सर देखने में आता है कि लोग उन परेशानियों से बचने के लिये शार्टकट अपनाने की कोशिश करते हैं, जो उनके कैरियर के लिए काफी घातक सिद्ध होता है । जिस तरह अगर सीढ़ियाँ दो-दो एक साथ उछल कर चढ़ी जाये तो निश्चित रूप से गिरने की संभावना बनी रहती है । अगर हम वास्तव में सफलताओं के शिखर पर जाना चाहते हैं तो हकीकत का सामना करना ही पड़ेगा । सफलता के साथ शांति और संतुष्टि ये दो भाव होना जरूरी है। अगर हम भीतर से अशांत और असंतुष्ट हैं तो इसका सीधा अर्थ यह है कि हमने सफलता के लिए कोई शार्टकट अपनाया है।

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शार्टकट से मिली सफलता अस्थायी होती है। और यही हमारे मन को अशांत करती है। स्थायी सफलता का रास्ता कभी छोटा नहीं होता, आसान नहीं होता लेकिन जब इस रास्ते से चलकर लक्ष्य तक पहुंचा जाता है, तो वह स्थायी आनंद देता है । लोग अक्सर अपनी दौड़ में दूसरों को भूल जाते हैं, कौन आपके पैरों से ठोकर खाकर गिरा, किसने आपकी सहायता की, कामयाबी की ऊंचाई पर जाकर इंसान सब भूल जाता है ।

हमें याद रखना होगा कि जिंदगी एक बार मिली है और कई बार जिंदगी में कुछ मौके भी एक बार ही आते है । जैसे वक्त जैसी चीज़ अगर एक बार निकल जाये तो फिर पूरी जिंदगी में पछताना पड़ता है । इसलिए हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि जरुरी चीज़ो को सही समय पर ही निपटा दिया जाये । ये ऐसे मूल मंत्र है जिसे अगर कोई अपनी ज़िंदगी मे उतारता है तो उसे ज़िन्दगी ज़रूर आगे बढ़ने का मौका देगी । ज़िन्दगी कभी कठिन नही होती है ज़िन्दगी बहुत सरल होती है लेकिन इसे हम अपने जीने के ढंग से कठिन बना देते है । कई बार लोग शिकायत करते है कि उनकी जिंदगी छोटी हो गयी । जबकि यह हमारी ही समझ का फेर है कभी किसी की जिंदगी छोटी नहीं होती बल्कि वह अपनी जिंदगी में देर से जीना शुरु करता है ।

याद रखिये की जिनकी जिंदगी का मकसद बड़ा होता है । वह कभी भी छोटी छोटी बातों में नही उलझते है । ठीक उसी तरह से जैसे अगर किसी ड्राईवर का रास्ता बहुत लंबा होता है । तो वह जगह जगह पर अपनी गाड़ी को रोककर ब्रेक नहीं लेता है । हमारी आदतों का हमारी सफलता और असफलता में बहुत योगदान होता हैं । इसलिए हमें अपनी आदतों पर ध्यान देना होगा और आगे बढ़ते रहना होगा.

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