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हमे पता है अब वो हमारा नहीं है,
फिर भी इंतजार तुमारा ही है
शायद किस्मत का कसूर हैं,
जो वो हमसे इतना दूर है
हां माना गलती तो सारी हमारी है,
मगर तुझमें ही तो बस्ती दुनियां सारी है
तुमसे मिलना एक सयोंग तो नहीं है,
कहीं ये ऊपर वाले का योग तो नहीं है
हां शायद हमने तुमारी कदर ना की,
जिंदगी ने इतना दे दिया जितनी उम्मीद न की
वो जो इतना मेहरबान खुदा कुछ वक्त ही था,
मिलके तुझसे फिर बिछड़ना भी था
कुछ लम्हे ही सही मगर तुम साथ थे,
कुछ पल के लिए ही हम आवाद थे
अब तो बस उम्मीदों का जाल है,
डूबती कस्ती सा मेरा हाल है
तेरे संग बिताए हर लम्हे खास है,
अब तोह मेरी यादों में ही तू आस पास हैं...... 

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